एक्टर , सिंगर और निर्देशक फरहान अख्तर अपने निजी जीवन को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने बताया कि शिबानी से शादी करने के दो दिन बाद दोनों कपल्स थेरेपी लेने गए थे। आइए जानते हैं क्या है कपल्स थेरेपी और इसका महत्व होता है।
रिलेशनशिप डेस्क. फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर फरवरी 2022 में शादी के बंधन में बंधे थे। शादी के दो साल से ज्यादा वक्त गुजर चुके हैं और कपल शानदार लाइफ जी रहे हैं। लेकिन हाल ही में कपल ने हैरान करने वाला खुलासा किया। उन्होंने कपल्स थेरेपी लेने का जिक्र किया, जिसके बाद लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या दोनों के बीच कुछ सही नहीं चल रहा था। आइए जानते हैं एक्टर, निर्देशक और सिंगर के रूप में बेहतरीन काम करने वाले फरहान अख्तर और उनकी पत्नी शिबानी दांडेकर को क्यों कपल्स थेरेपी की जरूरत पड़ गई थी वो भी शादी के दो दिन बाद।
3 साल डेट करने के बाद फरहान और शिबानी दांडेकर ने एक दूसरे को कानूनी रूप से पति-पत्नी माना था। रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट में उन्होंने अपने लव लाइफ और शादी को लेकर कुछ अहम बातें बताईं।फरहान अख्तर और शिबानी दांडेकर करीब 3 साल की डेटिंग के बाद फरवरी 2022 में शादी के बंधन में बंधे थे। मगर अब 2 साल बाद 2024 में भी इस कपल की शादी की चर्चा हो रही है। वजह है कपल्स थेरेपी। दरअसल इस जोड़े ने हालही में रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट में शादी से जुड़े खुलासे किए हैं। इसमें उन्होंने वेडिंग के दो दिन बाद कपल्स थेरेपी लेने का जिक्र किया है। दरअसल, कपल शादी से पहले ही कपल्स थेरेपी लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि सगाई के छह महीने पहले से ही वो थेरेपी लेना शुरू कर दिए थे। जो शादी के बाद भी चलता रहा।
शादी के दो दिन बाद कपल्स थेरेपी के लिए गए
उन्होंने बताया कि शादी सोमवार (19 फरवरी 2022) को हुई थी। कपल्स थेरेपी अगली अपॉइंमेंट बुधवार (21 फरवरी) को थी। हमने इसे मिस नहीं किया और दोनों गए। वहां पर हमें देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि तुम्हारी शादी अभी 24 घंटे पहले हुई है। तुम दोनों यहां क्या कर रहे हो? शिबानी ने बताया कि थेरेपी में जाना जिम जैसा लगता है। कपल्स थेरेपी से रिश्ता ज्यादा मजबूत होता है। फरहान अख्तर की पत्नी ने आगे कहा कि कई बार थेरेपी में हम दोनों बस एक दूसरे को देखते रहते थे क्योंकि बात करने के लिए कुछ नहीं होता था। तो कई बार बात करने के लिए ज्यादा टाइम की भी जरूरत पड़ी।
क्या होता है कपल थेरेपी
दरअसल फरहान और शिबानी कपल्स थेरेपी इसलिए लेते थे ताकि उनकी गृहस्थी में कोई परेशानी ना हो। दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह समझ सकें। एक दूसरे के प्रति जो भी भावना, गुस्सा, मिसअंडरस्टैंडिंग है वो सब निकल जाए। कपल्स थेरेपी एक प्रकार की काउंसलिंग है, जिसे विशेष रूप से जोड़ों (कपल्स) के बीच आने वाली समस्याओं और तनाव को सुलझाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह थेरेपी उन जोड़ों के लिए मददगार होती है जो रिश्ते में चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहे होते हैं, जैसे संचार की कमी, झगड़े, या रिश्ते में असंतोष। इसमें एक पेशेवर थेरेपिस्ट कपल्स को उनके व्यक्तिगत और सामूहिक मुद्दों को समझने और उन्हें हल करने में मदद करता है।
कपल्स थेरेपी का उद्देश्य
कपल्स थेरेपी का मुख्य उद्देश्य कपल्स को बेहतर तरीके से बातचीत करने, एक-दूसरे की भावनाओं और विचारों को समझने, और समस्याओं को मिलकर सुलझाने में मदद करना होता है। यह थेरेपी रिश्ते को बेहतर बनाने और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
कपल्स थेरेपी के फायदे
बेहतर संचार: थेरेपी कपल्स को यह सिखाती है कि वे एक-दूसरे के साथ बेहतर तरीके से कैसे संवाद कर सकते हैं।
समस्याओं का समाधान: आपसी झगड़ों और मतभेदों को शांति से सुलझाने का तरीका सिखाया जाता है।
भावनात्मक जुड़ाव: थेरेपी से कपल्स अपने रिश्ते में फिर से भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं।
भरोसा बहाल करना: अगर रिश्ते में भरोसे की कमी हो गई हो, तो थेरेपी उस भरोसे को बहाल करने में मदद करती है।
कपल्स थेरेपी कब लेनी चाहिए?
जब कपल्स के बीच बार-बार झगड़े हो रहे हों।
जब आपसी समझ की कमी हो।
जब संबंध में भावनात्मक या शारीरिक दूरी बढ़ रही हो।
जब रिश्ते में विश्वास की कमी हो या धोखा जैसी घटनाएं हुई हों।
जब कपल्स अपने संबंध को और भी मजबूत बनाना चाहते हों, भले ही कोई समस्या न हो।
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