इस देश में ऐसी कई महिलाएं हुईं, जिन्होंने विज्ञान, कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में खास उपलब्धियां हासिल की हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इनकी याद करना प्रेरणदायी है।
लाइफस्टाइल डेस्क। इस देश में ऐसी कई महिलाएं हुईं, जिन्होंने विज्ञान, कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में खास उपलब्धियां हासिल की हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इनकी याद करना प्रेरणदायी है। भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान करने वाली 10 महिलाओं के नाम पर विश्वविद्यालयों में अध्ययन पीठ स्थापित करने का फैसला किया है। इन पीठों में शोध कार्य किए जाएंगे। खास बात यह है कि इन अध्ययन पीठों में महिलाओं को ही शोध कार्य करने का मौका दिया जाएगा। सरकार इसके लिए एक करोड़ का फंड उपलब्ध कराने जा रही है। जानते हैं इन महिला वैज्ञानिकों के बारे में।
1. इरावती कर्वे - इरावती कर्वे इस देश की प्रमुख मानव विज्ञानी थीं। एक साहित्यकार के रूप में भी उनका स्थान काफी ऊंचा माना जाता है। उनका जन्म म्यांमार (बर्मा) में हुआ था। उन्होंने पुणे से दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद बॉम्बे यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में एम.ए. किया। वे पुणे के डेक्कन कॉलेज में सामाजशास्त्र और मानव विज्ञान विभाग की अध्यक्ष रहीं। इन विषयों में उन्होंने महत्वपूर्ण शोध कार्य किया। उन्होंने अंग्रेजी के अलावा मराठी भाषा में भी लेखन किया है। साहित्यिक रचना 'युगान्त' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला। उनका निधन 11 अगस्त 1970 को हुआ।
2. दर्शन रंगनाथन - दर्शन रंगनाथन मशहूर रसायन वैज्ञानिक थीं। उनका जन्म 4 जून, 1941 को दिल्ली में हुआ। उनकी उच्च शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी से हुई। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा कॉलेज में कई वर्षों तक रसायन विज्ञान विभाग की अध्यक्ष रहीं। उनका मुख्य काम यूरिया चक्र और प्रोटीन संरचना पर है। जून, 2001 में ब्रेस्ट कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई।
3. डॉक्टर कादंबिनी गांगुली - कादंबिनी गांगुली भारत की दूसरी महिला फिजिशियन थीं। उनका जन्म 18 जुलाई, 1861 को बिहार के भागलपुर में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास करने वाली वे पहली महिला थीं। उन्होंने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। 1892 में मेडिसिन की उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए वे इंग्लैंड गईं और वहां से वापस लौटने के बाद डफरिन अस्पतताल में काम करना शुरू किया। 3 अक्टूबर, 1923 को उनका निधन हो गया।
4. अन्ना मणि - अन्ना मणि का जन्म 23 अगस्त, 1918 को केरल के त्रावणकोर में हुआ था। वे मशहूर मौसम वैज्ञानिक थीं। उनकी शिक्षा मद्रास के प्रेसिडेंसी कॉलेज से हुई। वहां से फिजिक्स में ग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में शोध कार्य शुरू किया। उन्होंने रूबी और हीरों के स्पेक्ट्रम पर काम किया। इसके बाद उनकी रुचि मौसम विज्ञान में बढ़ी। सरकार के स्कॉलरशिप पर वे मौसम विज्ञान में उच्च अध्ययन करने के लिए लंदन गईं और वापस लौट कर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में काम करना शुरू किया। उन्होंने सौर विकिरण, ओजोन परत और वायु ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। 16 अगस्त 2001 को उनका निधन हो गया।
5. रमन परिमाला - रमन परिमाला ने गणित के क्षेत्र में काम किया है। उनका जन्म 21 नवंबर, 1948 को तमिलनाडु में हुआ। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन किया और बॉम्बे यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। वे कई वर्षो तक मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में प्रोफेसर रहीं। 1987 में उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला। 2003 में उन्हें श्रीनिवास रामानुजम जन्म शताब्दी पुरस्कार दे कर सम्मानित किया गया।
6. राजेश्वरी चटर्जी - राजेश्वरी चटर्जी का जन्म 24 जनवरी, 1922 को कर्नाटक में हुआ। वे कर्नाटक की पहली महिला इंजीनियर रहीं। उन्होंने सेंट्रल कॉलेज ऑफ बेंगलुरु से उच्च शिक्षा हासिल की। बाद में वे अमेरिका चली गईं और वहां से ही डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। वे बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रोफेसर रहीं। इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की वे अध्यक्ष भी रहीं। उन्होंने माइक्रोवेव तकनीक के क्षेत्र में उल्लेकनीय काम किया। उनका निधन 3 सितंबर, 2010 को हो गया।
7. बिभा चौधरी - बिभा चौधरी का जन्म 1913 में कलकत्ता में हुआ। वे 1936 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में एम.एससी. करने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया। उन्होंने देवेन्द्र मोहन बोस के साथ मिल कर बोसोन कण की खोज की। उन्होंने मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। उनके कई शोध पत्र देश-विदेश के प्रमुख जर्नल्स में प्रकाशित हुए। उनका निधन 2 जून, 1991 को हुआ।
8. कमल रणदिवे - कमल रणदिवे का जन्म 8 नवंबर, 1917 को पुणे में हुआ था। कमल रणदिवे चिकित्सा विशेषज्ञ थीं। पहली बार इन्होंने ही स्तन कैंसर और आनुवांशिकता के बीच के संबंधों के बारे में पता लगाया था। उनके इस काम के लिए भारत सरकार ने 1982 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार दिया। उन्होंने पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज से जूलॉजी में ग्रैजुएशन किया और बॉम्बे यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। इनका निधन 2001 में हुआ।
9. जानकी अम्माल - जानकी अम्माल पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने वनस्पति विज्ञान में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। उनका जन्म 4 नवंबर, 1897 को केरल के कुन्नुर जिले में हुआ था। उन्होंने मद्रास में पढ़ाई करने के बाद अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से बॉटनी में एम.एससी. और पीएच.डी. की डिग्री हासिल की। उन्होंने गन्नों की हाइब्रिड प्रजाति की खोज की। क्रॉस ब्रीडिंग पर उनके शोध को पूरी दुनिया में मान्यता मिली। 7 फरवरी, 1984 को उनका निधन हो गया।
10. आसिमा चटर्जी - आसिमा चटर्जी का जन्म 23 सितंबर, 1917 को कलकत्ता में हुआ था। विज्ञान में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाली वे पहली महिला थीं। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से केमिस्ट्री में ग्रैजुएशन और बायोलॉजिकल केमिस्ट्री में डॉक्टरेट किया। उन्होंने मलेरिया की रोकथाम करने वाली दवाओं पर काफी शोध किया। उनका निधन 22 नवंबर, 2006 को हुआ।