सीएम शिवराज सिंह चौहान ने न्यज ऐंजेसी से बात करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं इस वर्ष अयोजित नहीं की जाएंगी। क्योंकि बच्चों की ज़िंदगी हमारे लिए अनमोल है। करियर की चिंता हमलोग बाद में कर लेंगे।
नई दिल्ली (मध्य प्रदेश). देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता का ध्यान रखते हुए केंद्र ने सीबीएसई की 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। केंद्र के इस फैसले के बाद हरियाणा, गुजरात के बाद अब मध्यप्रदेश और उत्तराखंड ने भी 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किया है। मध्य प्रदेश में 12वीं के 11 लाख और गुजरात 6.83 लाख छात्र हैं।
देश में 28 राज्यों में हरियाणा, गुजरात और मध्यप्रदेश ने 12वीं की परीक्षाएं ना कराने का फैसला किया है। वहीं, बिहार देश में अकेला राज्य है, जहां परीक्षाएं पहले ही हो चुकी हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत बाकी राज्य भी जल्द बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर फैसला ले सकते हैं। जबकि केंद्र शासित राज्यों में CBSE बोर्ड से ही विद्यालय चलते हैं।
बच्चे हमारे लिए अनमोल
बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की। बता दें कि केंद्र सरकार के सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी यही फैसला किया है। इससे पहले एमपी में 10वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई थीं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं इस वर्ष अयोजित नहीं की जाएंगी। क्योंकि बच्चों की ज़िंदगी हमारे लिए अनमोल है। करियर की चिंता हमलोग बाद में कर लेंगे। बच्चों पर जिस समय #COVID19 का बोझ है, उस समय हम उन पर परीक्षाओं का मानसिक बोझ नहीं डाल सकते हैं।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जल्द ले सकते हैं फैसला
उत्तर प्रदेश में 12वीं की परीक्षाएं रद्द हो सकती हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इसका ऐलान कर सकते हैं। राज्य में 12वीं के 26 लाख स्टूडेंट्स हैं। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने पहले ही परीक्षाओं को रद्द करने का संकेत दिया था।
राजस्थान में परीक्षाएं होंगी या नहीं, इसका फैसला राजस्थान सरकार की कैबिनेट मीटिंग में होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर परीक्षाओं को लेकर 10 सुझाव दिए हैं। इनमें से किसी एक पर मुहर लग सकती है। राज्य में दसवीं व बारहवीं क्लास के 21 लाख स्टूडेंट्स हैं।
महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने 12वीं की परीक्षाओं को लेकर कहा कि मौजूदा हालात में हमारे बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। महाराष्ट्र देश का सबसे संक्रमित राज्य है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार से क्लास 12 स्टूडेंट्स के लिए नॉन-एग्जामिनेशन रूल की मांग की गई है।
ज्यादातर राज्यों ने की थी परीक्षाएं रद्द करने की सिफारिश
इससे पहले केंद्र ने राज्यों से सीबीएसई और बोर्ड परीक्षाओं के लिए सुझाव मांगा था। दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान समेत 8 राज्यों ने कहा था कि परीक्षा से पहले या तो सभी बच्चों को वैक्सीन दी जाए, या परीक्षा रद्द की जाए।