बच्ची ने SI को फोन कर कहा- मां झूठ बोलती हैं, कहती हैं - मास्क लगाऊंगी, हाथ धोऊंगी तब बर्थडे मनाएंगी

इंदौर. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा अगर कोई दुखी है तो वह बच्चे हैं। जिनका बर्थडे तक नहीं मन पा रहा है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है। जब एक बच्ची की बात सुनकर पुलिसवाले उसका जन्मदिन मानने उसके घर पहुंच गए।

Asianet News Hindi | Published : Apr 20, 2020 1:44 PM IST / Updated: Apr 20 2020, 07:29 PM IST

इंदौर. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा अगर कोई दुखी है तो वह बच्चे हैं। जिनका बर्थडे तक नहीं मन पा रहा है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है। जब एक बच्ची की बात सुनकर पुलिसवाले उसका जन्मदिन मानने उसके घर पहुंच गए।

बच्ची ने पुलिस को कॉल कर बयां किया दर्द
दरअसल, यह अनोखा मामला रविवार शाम इंदौर शहर में आया। जहां जितेंद्र चौधरी की 13 साल की बेटी स्नेहा अपने बर्थडे वाले दिन दुखी थी। क्योंकि लॉकडाउन के चलते उसके घरवाले जन्मदिन जो नहीं मना पा रहे थे। ऐसे में दुखी होकर लड़की ने राऊ थाने की महिला एसआई अनिला पाराशर को फोन लगाकर अपना दर्द बयां किया। बातें सुनकर पुलिसवाले भी भावुक हो गए और मासूम के घर पहुंच गए।

बच्ची ने पुलिसवालों के साथ मनाया जन्मदिन
पुलिस की टीम जब बच्ची के घर पहुंची तो उसने सारी बात बताई। स्नेहा ने बताया- मेरी मम्मी 15 दिन पहले से कह रहीं थी कि तुम सोशल डिस्टेंस रखोगी, हाथ धोओगी और मास्क लगाओगी तो जल्द कर्फ्यू खुल जाएगा। हम फिर तेरा जन्मदिन भी अच्छे से मनाएंगे। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ, वह मुझसे झूठ बोल रहीं थी। इसलिए मैडम आपको फोन लगाकर बुलाना पड़ा। बच्ची की बात सुनकर पुलिस वालों ने घर के अंदर धूमधाम से जन्मदिन मनाया और उसको बहुत सारे चॉकलेट भी दिए।

बच्ची को ऐसे मिला पुलिस का नंबर
पुलिसवालों ने पूछा कि हमारा नंबर और हमें बुलाने का यह आइडिया तुमको कहां से मिला। बच्ची ने कहा-मैंने एक दिन पेपर में एक खबर पढ़ी थी कि पुलिस ने एक बच्ची का जन्मदिन मनाया था। इसलिए मैंने आपको बुला लिया। नंबर पापा की डायरी से मिला। क्योंकि मेरे पापा पुलिस की गाड़ी चलाते हैं।

बच्ची की बात सुनकर इमोशनल हो गई लेडी SI
महिला एसआई अनिला पाराशन ने बताया कि मुझको शाम में स्नेहा कोाफोन आया था। वह बोल रही थी, मैंने रोज मास्क पहना और घर से बाहर नहीं निकली फिर भी कर्फ्यू नहीं खुला। मैम आज मेरा जन्मदिन है, तो कैसे मनेगा। एसआई ने कहा-लड़की बहुत दुखी थी, उसकी बातें सुनकर हम भी भावुक हो गए और टीम के साथ उसके घर जाने का फैसला किया। क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि उसकी मां झूठी साबित हो।

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