कोरोना के कहर में MP विधानसभा सत्र हुआ स्थगित, कई विधायक निकले पॉजिटिव, राजनीतिक दलों में हड़कंप

मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बैठक में सर्वनुमति से शीतकालीन सत्र स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया है। 7 विधायकों समेत 61 अधिकारी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 27, 2020 2:27 PM IST / Updated: Dec 27 2020, 08:22 PM IST


भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र पर कोरोना संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सोमवार से शुरु होने वाला विधानसभा का शीतकालीन सत्र कोरोना के कहर को देखते हुए स्थगित कर दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी आवाज को दबाने या कुचलने की कोशिश न की जाए।

सीएम के साथ बैठक में मौजूद थे ये नेता
दरअसल, रविवार शाम विधानसभा सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक रखी गई थी, जिसमें पूर्व CM कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति समेत तमाम लोग शामिल हुए थे। जिसमें सहम‍त‍ि से सत्र को स्थगित करने का फैसला ल‍िया गया।

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7 विधायकों समेत 61 अधिकारी कोरोना पॉजिटिव
मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए बैठक में सर्वनुमति से शीतकालीन सत्र स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को कोरोना टेस्ट कराए जाने को लेकर पत्र लिखा गया था। जिसमें 20 विधायकों ने अपनी जांच कराकर एक दिन पहले अपनी मुझे रिपोर्ट भेजी है। जिसके अनुसार 7 विधायकों समेत 61 अधिकारी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसलिए सुरक्षा के हिसाब से यह फैसला लिया गया है।


(विधानसभा में हुई सर्वदलीय बैठक में पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा) ।
 

कमलनाथ ने कहा-हमारी आवाज को दबाने की कोशिश
सर्वदलीय बैठक में सभी की सहमित से फैसला लेने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी आवाज को दबाने या कुचलने की कोशिश न की जाए। उन्होंने कहा कि  नियम के अनुसार जैसा सदन चल सकता है, वैसा चलाएं, नहीं चल सकता है, न चलाएं। हमने सुझाव दिया है कि समितियां बनाइए, उसमें सदस्य हों और मंत्रियों के साथ बैठक हो, जिसमें प्रश्नों के जवाब दिए जाएं। इस बहाने एक नई शुरुआत की जा सकती है। 

दो दिन के इस सत्र में कई प्रस्ताव होने थे पेश
बता दें कि  MP विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से प्रस्तावित था और 30 दिसंबर तक चलना था। जिसमें कई अहम प्रस्ताव पेश होने थे, जिनको पास होना तय माना जा रहा था। दो दिन पहले मंजूर हुए लव जिहाद कानून को भी इसी सत्र में पेश होना था।
 

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