स्वामित्व योजना (Swamitva yojana) गांवों में रहने वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। ये स्क्रीम (scheme) ग्रामीणों के भूखंड और मकानों के दस्तावेज के लिए लाई गई है। अब तक गांवों में बने मकानों आदि के स्वामित्व के दस्तावेज नहीं होते थे। इस योजना में सर्वे के बाद ग्रामीणों डिजिटली प्रॉपर्टी कार्ड मिल जाएंगे।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मध्य प्रदेश में स्वामित्व योजना (Swamitva yojana) के लाभार्थियों से वर्चुअल बातचीत (Virtual interaction) की और उन्हें योजना के 1,71,000 ई-प्रॉपर्टी कार्ड्स (e-property cards) भी सौंपे। मोदी ने कहा कि ये कार्ड बनने के बाद लोगों को व्यापार के लिए लोन लेने में आसानी होगी। जमीनी विवादों में भी कमी आएगी। लोगों को उनका मालिकाना मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश लैंड डिजिटाइलेजेशन (Madhya Pradesh Land Digitization) में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। स्वामित्व योजना सिर्फ कानूनी योजना नहीं है, ये आधुनिक तकनीक से देश के गांव में विकास और विश्वास का मंत्र है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) हरदा (Harda) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।
मोदी ने मप्र को लेकर अनछुई बातें भी कहीं। उनका कहना था कि हम टीवी पर देखते हैं कि MP गजब है। MP देश का गौरव भी है। MP में गति भी है और MP में विकास की ललक भी है। लोगों के हित में कोई योजना बनते ही MP में जमीन पर उतारने के लिए दिन-रात एक कर दिया जाता है। मुझे खुशी होती है। मेरे साथी इतना बढ़िया काम करते हैं कि ये संतोष का विषय होता है। गांव में उड़नखटोला उड़ रहा है। कुछ लोग छोटा हेलिकॉप्टर कह रहे हैं। मोदी का कहना था कि गांव में ये ड्रोन गांवों को नई उंचाई देने वाला है। देश के करीब 60 जिलों में सर्वे हो चुका है, लैंड रिकार्ड्स तैयार हो चुका है। ग्राम पंचायत के डेवलपमेंट प्लान को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। ये गांव और गरीब को बेहतर बनाने की योजना है। मोदी ने मध्य प्रदेश के सीहोर, हरदा और डिंडौरी जिले के किसानों से वर्चुअल संवाद किया। वे स्वामित्व योजना में 19 जिलों के 3 हजार गांवों में अधिकार पत्र (अभिलेख) दिए। इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को बजट के दौरान की थी।
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मोदी ने ये भी कहा-
पिछले सात साल से हमारी कोशिश है कि गरीब को सशक्त बनाया जाए। उसे उसके अधिकार पता हों, किसी पर निर्भर न हो। ये योजना देश और गांव का भला करने वाली है। जब सबके पास कागज होंगे तो झगड़े कम होंगे। कोर्ट में केस कम पहुंचेंगे। इस योजना से अदालतों का भार कम होगा।
स्वामित्व योजना से जो आत्मविश्वास जो भरोसा गांव में आया है, वो लाभार्थियों के साथ बातचीत में झलक रहा है। मैं आज यहां देख रहा हूं कि आपने मुझे बांस की कुर्सियां दिखाई। लोगों को बैंक से लोन मिलना आसान हुआ है।
शिवराज ने कहा- दूसरी सरकारों में भष्टाचार होता था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- जब दूसरी सरकारें होती थी तब भ्रष्टाचार और घोटाले की चर्चा होती थी। उस वक्त के पीएम कहते थे एक रुपए भेजता हूं, 15 पैसे मिलते हैं। मोदीजी ने कहा कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। डीबीटी से एक रुपए भेजते हैं, पूरा एक रुपए मिलता था। पीएम ग्रामीण योजना के जरिए सड़कों का जाल बिछा दिया। सौभाग्य योजना के जरिए गरीबों के घर रोशन कर दिया। सिंचाई योजना के जरिए हरदा में 85 प्रतिशत भूमि सिंचित है। रिकार्ड गेहूं की खरीद में मध्यप्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया।
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मालिकाना हक के लिए विभागों के चक्कर नहीं काटने होंगे
दरअसल, पंचायत राज विभाग की तरफ से स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना गांवों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य शुरू की गई है। इसके तहत लोगों के आवास की ड्रोन के जरिए मैपिंग की जाती है और उसका मालिकाना हक पात्र लोगों को सौंपा जाता है। गांवों में ऐसी कई जमीन हैं जिनके मालिकाना हक को लेकर विवाद है। इन जमीनों पर मालिकाना हक साबित करने के लिए लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं। इस योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना भी है। ऐसे में लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे।
देशभर के गांवों में ड्रोन की मदद से हर संपत्ति की मैपिंग होगी
पीएमओ के मुताबिक, यह योजना शहरी क्षेत्रों की तरह, ग्रामीणों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए काम आएगी। इसका उद्देश्य ड्रोन सर्वे-प्रौद्योगिकी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय क्षेत्रों का सीमांकन करना है। पंचायत राज विभाग का कहना है कि अपनी संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाने पर ग्रामीण तमाम योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। उस जमीन पर बैंक लोन भी ले सकते हैं। देशभर के ग्रामीण इलाकों में सर्वे का काम 2020 से 2024 तक चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से संपत्ति और कानूनी विवादों में कमी आएगी। संपत्ति का रिकॉर्ड ऑनलाइन होने की वजह से लोग इसका ब्योरा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनलाइन देख सकेंगे। इसके बाद उस संपत्ति का मालिकाना हक के कागज दिए जाएंगे।
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