रावण जलेगा लेकिन इस बार रावण अलग होगा...उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में परंपरागत दशहरा उत्सव रैली में ललकारा

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि बाल साहेब के असली उत्तराधिकारी का फैसला जनता करेगी। केवल बेटा होने का मतलब उत्तराधिकारी नहीं कोई हो जाएगा।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 5, 2022 4:24 PM IST / Updated: Oct 05 2022, 10:47 PM IST

Sena Vs Sena:महाराष्ट्र में दशहरा के मौके पर शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच घमासान मचा हुआ है। शिवसेना पर वर्चस्व को लेकर लड़ रहे दोनों धड़ों ने बुधवार को रैली कर एक दूसरे को कोसा। एक तरफ उद्धव ठाकरे ने दशहरा उत्सव की पारंपरिक रैली शिवाजी पार्क में की तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मातोश्री से कुछ दूरी पर एमएमआरडीए मैदान में समानांतर रैली कर ललकारा। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी रावण जलेगा। लेकिन इस बार का रावण अलग है।

उद्धव ने लगाया पिता का नाम चोरी करने का आरोप

दशहरा पर शिवाजी पार्क में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी होकर मुख्यमंत्री बनें एकनाथ शिंदे को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह भीड़ बता रही है कि शिवसेना का क्या होगा? लेकिन इस भीड़ को देखकर अब सवाल यह है कि देशद्रोहियों का क्या होगा? उन्होंने कहा कि सारे देशद्रोही महाराष्ट्र के खिलाफ साजिश कर एकत्र हो गए हैं। हर साल की तरह इस बार भी रावण जलेगा। लेकिन इस बार रावण अलग है। ठाकरे ने जोर देकर कहा कि भाजपा ने शिवसेना को धोखा दिया है और यही कारण है कि गठबंधन टूट गया। ठाकरे ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच आधा-आधा कार्यकाल के बीच बात हो रही थी। मैं अपने माता-पिता की कसम खाता हूं कि तब अमित शाह ने कहा कि ऐसा कुछ भी तय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने साजिश की है। एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर वह महाराष्ट्र के खिलाफ बड़ी साजिश कर रही है। क्यों बीजेपी ने इसे पहले नहीं किया।

शिंदे ने शिवसेना को धोखा दिया, सीएम पद लिया अब पार्टी भी ले लिया

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के लोगों, बाला साहेब के आदर्शों और शिवसेना को धोखा दिया है। उन्होंने नए मुख्यमंत्री पर उनके पिता बाला साहेब ठाकरे को चोरी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक आदमी का लालच कितना होना चाहिए? उसे मुख्यमंत्री का पद दिया गया था। अब वह पार्टी भी चाहता है।

शिंदे ने बाला साहेब की विरासत का किया दावा

उधर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि बाल साहेब के असली उत्तराधिकारी का फैसला जनता करेगी। केवल बेटा होने का मतलब उत्तराधिकारी नहीं कोई हो जाएगा। उन्होंने शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे द्वारा कभी हरिवंशराय बच्चन की कविता को उद्धृत किए जाने का जिक्र करते हुए उसे सुनाया। शिंदे ने ट्वीट भी किया कि मेरा बेटा, मेरा बेटा होने से मेरा वारिस नहीं होगा, जो मेरा वारिस होगा, वह मेरा बेटा होगा- हरिवंशराय बच्चन। शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि आप न्यायालय जाकर शिवाजी पार्क ले सकते हैं। मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं इसलिए मैदान देने के मामले में हस्तक्षेप नहीं करूंगा। लेकिन मैंने सबसे पहले आवेदन किया था। हमें मैदान मिल सकता था। परंतु कानून-व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। मैदान भले ही हमें नहीं मिला लेकिन शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के विचार हमारे साथ हैं। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि शिवसेना, न उद्धव ठाकरे की है, न एकनाथ शिंदे की है। यह सिर्फ बाला साहेब ठाकरे के विचारों की और तमाम शिवसैनिकों की शिवसेना है। हम बाला साहेब के विचारों को कभी नहीं छोड़ेंगे। हम सब बाला साहेब के निष्ठावान शिवसैनिक हैं। बाला साहेब के विचारों के असली विरासतदार उनके शिवसैनिक है।

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