गवर्नर ने स्पीकर के चुनाव प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। जबकि महाराष्ट्र सरकार ने नियम समिति के माध्यम से स्पीकर चुनाव कराने का तरीका बदल दिया था। जिसके बाद एक बार भी टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में मंगलवार को विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव हो पाएगा कि नहीं, इस पर सवाल खड़ा हो गया है।
मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) की महाविकास अघाड़ी सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) एक बार फिर से आमने-सामने हैं। इस बार दोनों के बीच जंग की वजह बना है विधानसभा स्पीकर चुनाव। गवर्नर ने स्पीकर के चुनाव प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। जबकि महाराष्ट्र सरकार ने नियम समिति के माध्यम से स्पीकर चुनाव कराने का तरीका बदल दिया था। जिसके बाद एक बार भी टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में मंगलवार को विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव हो पाएगा कि नहीं, इस पर सवाल खड़ा हो गया है।
राज्यपाल ने बदलाव को असंवैधानिक बताया
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर वोटिंग की प्रक्रिया में बदलाव को असंवैधानिक बताया है। उनकी तरफ से कहा गया है कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव के लिए अलग तरीका नहीं हो सकता। बता दें कि राज्य सरकार ने गुप्त मतदान को वॉयस वोट यानी की बताकर समर्थन में बदल दिया था। वहीं राज्यपाल इस ऐतराज के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने उन पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के लिए प्रदेश के मंत्रिमंडल की सिफारिशों को स्वीकार करना अनिवार्य है।
पिछले साल खाली हुआ था स्पीकर पद
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर का पद पिछले साल ही खाली हुआ था। इससे पहले नाना पटोले विधानसभा अध्यक्ष थे लेकिन कांग्रेस (congress) ने उन्हें बाद में प्रदेश अध्यक्ष बना दिया और यह पद खाली हो गया। उद्धव सरकार ने विधानसभा के इस शीतकालीन सत्र में राज्यपाल से स्पीकर चुनाव कराने की सिफारिश की थी, लेकिन विपक्ष में बैठी बीजेपी (BJP) ने चुनाव प्रक्रिया में बदलाव का विरोध किया था। आपको बता दें कि राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर को शुरू हुआ था और 28 दिसंबर यानी मंगलवार को इसका समापन होना है।
राज्यपाल से की थी मुलाकात
रविवार को सत्ताधारी महाविकास आघाडी के नेताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी। राज्यपाल से मिलने वाले नेताओं में राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे शामिल थे। इन तीनों ने राज्यपाल को इसकी जानकारी दी कि अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव लाया गया है। साथ ही राज्यपाल से इस प्रक्रिया को मंजूरी देने का आग्रह किया था। जिसका जवाब सोमवार को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बता दिया है। राज्यपाल ने गुप्त मतदान की बजाए खुले मतदान की वॉयस वोटिंग की प्रक्रिया को संविधान के नियमों का उल्लंघन बताया है और इस प्रक्रिया को अपनी मंजूरी नहीं दी है।
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