मिट्टी बचाओ आंदोलन में शामिल होने वाला 5वां राज्य बना महाराष्ट्र, आदित्य ठाकरे और सद्गुरु ने MOU पर किया साइन

महाराष्ट्र मिट्टी बचाओ आंदोलन (Save Soil Movement) में शामिल होने वाला पांचवां राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मिट्टी बचाओ अभियान के लिए पूर्ण समर्थन का वादा किया। सद्गुरु ने कहा कि मिट्टी को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए हमारी कृषि नीतियों को बदलना होगा।

Asianet News Hindi | Published : Jun 13, 2022 1:26 PM IST / Updated: Jun 13 2022, 06:59 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र मिट्टी बचाओ आंदोलन (Save Soil Movement) में शामिल होने वाला भारत का पांचवां राज्य बन गया है। इसके लिए ईशा आउटरीच और महाराष्ट्र सरकार  के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। इसके लिए मुंबई के Jio कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में फिल्म जगत की हस्तियों के साथ-साथ 10 हजार से अधिक लोग मौजूद थे। इस मौके पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारा ग्रह हमारी साझा संपत्ति और जिम्मेदारी है। 

इससे पहले सद्गुरु ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को Soil Policy हैंडबुक सौंपा। सीएम ने मिट्टी बचाओ अभियान के लिए पूर्ण समर्थन का वादा किया। सद्गुरु ने मिट्टी बचाओ आंदोलन के तहत अपने 100 दिन की बाइक यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मैंने बाइक यात्रा का फैसला किया ताकि लोग इसके बारे में जागरूक हों। लोग मिट्टी की रक्षा के लिए खड़े हों। मैंने इसके लिए अपनी जान जोखिम में डाली। मिट्टी के महत्व को सभी लोग समझते हैं, लेकिन उसे बचाने की कोशिश नहीं हो रही थी। इसके बारे में लोग कम ही बात कर रहे थे। 

कृषि नीतियों को बदलना होगा
सद्गुरु ने कहा कि मेरी इस यात्रा से लोग मिट्टी बचाने के प्रति जागरूक हुए। 2.8 अरब लोगों ने इसके संबंध में प्रतिक्रिया व्यक्त की। 15-18 इंच मिट्टी को "ग्रह की क्रीम" कहते हुए सद्गुरु ने चेतावनी दी कि पिछले 40-50 वर्षों में हमने ऊपरी मिट्टी का 52% खो दिया है। मिट्टी की एक इंच परत बनने में 13000 साल लगते हैं। मिट्टी को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए हमारी कृषि नीतियों को बदलना होगा।

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आदित्य ठाकरे ने मिट्टी के लिए अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज हम एक महत्वपूर्ण बिंदु पर आ गए हैं। अगर हम मिट्टी बचाने के लिए पर्याप्त उपाये नहीं करते हैं तो हम आने वाली पीढ़ी को भी नहीं देख पाएंगे। हम मिट्टी हैं, वहीं से आते हैं और अंतत: वहीं जाते हैं। कार्यक्रम में बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने कावेरी कॉलिंग फार्म की अपनी यात्रा और किसानों की किस्मत बदलने वाली कृषि वानिकी को याद किया।
 

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