भारत के लिए गेम चेंजर है S- 400, चीन या पाकिस्तान से जंग हुई तो मिलेगी बढ़त

रूस ने भारत को एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 (S- 400) की डिलीवरी शुरू कर दी है।  एस-400 का पहला रेजिमेंट सेट इस साल के अंत तक भारत को दिया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 20, 2021 5:06 PM IST

नई दिल्ली। रूस (Russia) ने भारत को एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defense System) एस-400 (S- 400) की डिलीवरी शुरू कर दी है। 2018 में भारत ने रूस से पांच S-400 सिस्टम खरीदने के लिए 5.43 अरब डॉलर में सौदा किया था। भारत को इस समय पाकिस्तान और चीन से जिस तरह के खतरे का सामना करना पड़ रहा है उसे देखते हुए एस-400 का महत्व और बढ़ गया है।

एस-400 के आने से न सिर्फ हवाई हमलों से बचाव की क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि इससे दुश्मन पर नजर रखने की भारत की ताकत भी बढ़ जाएगी। इसके चलते जंग की स्थिति में भारत को बढ़त मिलेगी। एस-400 रूस का बेहद आधुनिक मिसाइल सिस्टम है। इसकी तुलना अमेरिका के पैट्रिअट मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम से होती है।

रूस की हथियार निर्माता कंपनी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के प्रमुख अलेक्जेंडर मिखयेव ने जानकारी दी है कि रूस पहले ही भारतीय विशेषज्ञों को एस-400 सिस्टम चलाने के लिए प्रशिक्षित कर चुका है। एस-400 का पहला रेजिमेंट सेट इस साल के अंत तक भारत को दिया जाएगा। पहले रेजिमेंट सेट के सभी उपकरण 2021 के अंत तक भारत पहुंचा दिए जाएंगे। नए साल के तुरंत बाद, हमारे विशेषज्ञ भारत जाएंगे और मिसाइल तैयार कर भारत को ट्रांसफर करेंगे।

क्यों खास है एस-400
लड़ाई के दौरान दुश्मन के लड़ाकू विमान अगर हमला करने आ रहे हों तो उन्हें रोकने के लिए आसमान में अपने लड़ाकू विमान भेजे जाते हैं, लेकिन अगर दुश्मन ने मिसाइल से हमला किया हो तो लड़ाकू विमान उसे नहीं रोक पाते। ऐसे हमलों से बचाव के लिए सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइलों की जरूरत होती है। ऐसे मिसाइल चलाने वाले सिस्टम को एयर डिफेंस सिस्टम कहा जाता है।

एस-400 को दुनिया का बेहद प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह हर तरह के हवाई टारगेट (क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, लड़ाकू विमान, विमान, हेलिकॉप्टर, रॉकेट्स और ड्रोन) को हवा में ही नष्ट कर देता है। एस-400 मोबाइल सिस्टम है। इसके मिसाइलों को ट्रक पर लोड किया गया है। ट्रक पर ही इसके राडार और अन्य उपकरण लगे रहते हैं। इसके चलते इसे तेजी से मोर्चे पर तैनात किया जा सकता है। आदेश मिलते ही यह 5-10 मिनट में तैयार हो जाता है।

400 किलोमीटर है रेंज
एस-400 का अधिकतम रेंज 400 किलोमीटर है। यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकता है। यह चार तरह के मिसाइल फायर करता है। इसके 48N6DM मिसाइल का रेंज 250 किलोमीटर है। इसके दूसरे मिसाइल 40N6 का रेंज 400 किलोमीटर है। एक्टिव राडार होमिंग वाले इस मिसाइल का इस्तेमाल अवाक्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम वाले हाई वैल्यू विमानों के खिलाफ होता है। S-400 मध्यम रेंज के जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल 9M96E और 9M96E2 को भी फायर करता है। इसका इस्तेमाल लड़ाकू विमान जैसे टारगेट के खिलाफ होता है। 9M96 मिसाइल का अधिकतम रेंज 120 किलोमीटर है।

600 km दूर तक रखता है नजर
S-400 सिस्टम फायर कंट्रोल और टारगेट ट्रैकिंग के लिए 92N6E राडार का इस्तेमाल करता है। इसके साथ ही यह 96L6 चीज बोर्ड 3D निगरानी और ट्रैकिंग राडार तथा 91N6E बैटल मैनेजमेंट राडार का प्रयोग भी करता है। ये राडार 600 किलोमीटर की दूरी से विमान, क्रूज मिसाइल, गाइडेड मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक रॉकेट्स को पहचान और ट्रैक कर सकते हैं। यह एक बार में 300 टारगेट को ट्रैक कर सकता है।

अमेरिका है नाखुश
रूस से एस-400 सिस्टम नहीं खरीदने के लिए अमेरिका भारत पर दवाब डाल रहा था। एस-400 खरीदने पर काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के प्रावधानों के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने की बात भी कही जा रही थी। एस-400 सिस्टम खरीदने पर अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारत अमेरिका का मुख्य रणनीतिक सहयोगी है। ऐसे में अमेरिका भारत पर एस-400 खरीदने के चलते प्रतिबंध लगाता है या इससे छूट देता है इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।

 

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