अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार बने थे भारत के प्रधानमंत्री, पहली बार रही थी सिर्फ इतने दिन की सरकार

राजनीतिक जीवन के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोकसभा सदस्य चुने गए और दो बार राज्यसभा के सदस्य बने।

नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में गिने जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की 16 अगस्त को पहली पुण्यतिथि है। ऐसे में दिल्ली स्थित 'सदैव अटल' पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी समेत कई राजनेताओं ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। लंबी बिमारी के बाद अटल ने 16 अगस्त, 2018 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनकी अस्थियों को बीजेपी ने 100 नदियों में प्रवाहित किया था। वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर आइए उनसे जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग बाते जानते हैं...

भारत छोड़ो आंदोलन के साथ किया राजनीति में एंट्री 

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अटल बिहारी वाजपेयी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन से राजनीति में एंट्री की थी। इस आंदोलन में हिस्सा लेने की वजह से उन्हें और उनके बड़े भाई प्रेम को 23 दिनों के लिए जेल में रहना पड़ा था। आजादी के बाद वे जनसंघ के नेता बने। वाजपेयी ने अपना पहला चुनाव 1957 में उत्तर प्रदेश की बलरामपुर सीट से लड़ा था। इसके बाद वो 1969 से 1972 तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। 1997 में वे मोरार जी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री बनाए गए थे। वाजपेयी पहली बार देश के प्रधानमंत्री 1996 में बने थे। उनकी सरकार 13 दिन में ही अल्पमत आ गई थी और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ी बातें 

1. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। अटल जी के पिता स्कूल में अध्यापक थे।

2. अटल जी ने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी विषय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र से एमए किया।

3. अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) देश के 10वें प्रधानमंत्री थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 16 मई 1996 से 1 जून तक, दूसरी बार साल 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक और तीसरी बार 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई से 2004 तक उनकी सरकार रही।

4. वाजपेयी जीवन भर अविवाहित रहे और बाद में उन्होंने एक लड़की को गोद लिया था, जिसका नाम उन्होंने नमिता रखा।

5. अटल देश के ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने 1977 में सयुंक्त राष्ट्र की सभा में हिंदी भाषण दिया था। उन्होंने ही सयुंक्त राष्ट्र में हिंदी भाषा को पहचान दिलवाई थी।

6.  राजनेता से पहले अटलजी पत्रकार थे। उन्होंने पांचजन्य, राष्ट्रधर्म, वीर अर्जुन और स्वदेश जैसे अखबारों और पत्रिकाओं का संपादन किया था।

7. राजनीतिक जीवन के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोकसभा सदस्य चुने गए और दो बार राज्यसभा के सदस्य बने।

8. साल 2015 में उन्हें भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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