भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव(azadi ka amrut mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ टाइटल से एक ‘गौरवशाली सप्ताह’का अयोजन किया गया है। इसका मकसद भारतीय विज्ञान और तकनीकी(science and technology) को दुनियाभर की नजरों में लाना है।
नई दिल्ली. भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव(azadi ka amrut mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ टाइटल से एक ‘गौरवशाली सप्ताह’का अयोजन किया गया है। इसका मकसद भारतीय विज्ञान और तकनीकी(science and technology) को दुनियाभर की नजरों में लाना है। बता दें कि 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को शुरू हुई, जो 15 अगस्त, 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी।
75 शहरों में कल से होंगे आयोजन
इस कार्यक्रम का संस्कृत भावार्थ अपने आप में एक संदेश देता है कि ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी पूरे विश्व में पूजनीय’है। इसके अंतर्गत देश के 75 शहरों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित करने वाली विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। विज्ञान संचार एवं लोकप्रियकरण के लिए समर्पित स्वायत्त संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ के सहयोग से यह कार्यक्रम भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। 22 फरवरी से शुरू होकर इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर 28 फरवरी 2022 को होगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन 22 फरवरी को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा और देशभर के सभी 75 स्थानों पर इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा, जहां उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। भारत सरकार के पर्यटन, संस्कृति और उत्तरपूर्वी क्षेत्र विकासमंत्री जी किशनरेड्डी(G Kishan Reddy) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह(Dr. Jitendra Singh) कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
यह है कार्यक्रम...
विज्ञान के इस महोत्सव के हिस्से के रूप में देशभर में कुल 75 विज्ञान प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। इसी के साथ-साथ 75 विज्ञान आधारित व्याख्यान, 75 विज्ञान फिल्मों की स्क्रीनिंग, 75 रेडियो वार्ता प्रसारण, 75 विज्ञान पुस्तकक मेले,75 पोस्टर प्रस्तुति और 75 विज्ञान साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन इस महोत्सव का हिस्सा है। हाइब्रिड मोड में आयोजित होने वाले इन आयोजनों में 75 पुरस्कार भी शामिल हैं। इसके लिए 75 स्थानों और संबंधित भागीदार संगठनों की पहचान की गई है ताकि यह कार्यक्रम स्थानीय भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी और हिंदी के अलावा) में संचालित किए जा सकें। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा एक साथ 75 स्थानों - उत्तर में लेह एवं श्रीनगर से लेकर दक्षिण में पोर्ट ब्लेयर एवं लक्षद्वीप के कवरत्ती, पश्चिम में दमन एवं अहमदाबाद से लेकर पूरब में ईटानगर, कोहिमा, आइज़ॉल में किया जाएगा।
स्वतंत्र भारत की 75 साल की लंबी वैज्ञानिक यात्रा का उत्सव मनाने के इस प्रयास से भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मानिर्भर भारत’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही भविष्य के लिए एकदृष्टिकोण भी प्रदर्शित होगा। इस तरह, यह पहल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश के विकास के अगले 25 वर्षों का रोडमैप तैयार करने का एक प्रयास है।
यह भी जानें
इस असाधारण कार्यक्रम में 22 से 28 फ़रवरी तक दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होने वाला एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी मेगा एक्सपो (प्रदर्शनी), एक राष्ट्रीय विज्ञान पुस्तक मेला और एक विज्ञान साहित्य उत्सव शामिल होगा, जो विज्ञान लेखकों, संचारकों, कलाकारों, कवियों, नाटककारों, नुक्कड़ नाटक कलाकारों, विज्ञान गतिविधियाँ प्रदर्शित करने वाले लोगों, पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों को एक साथ लेकर आएगा। साहित्य उत्सव का उद्देश्य रंगमंच, कविताओं, कठपुतली शो और परछायी के माध्यम से प्रदर्शन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विभिन्न लोक रूपों के माध्यम से विज्ञान का संचार करना है।
‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ कार्यक्रम कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली, असमिया, नेपाली, मैथिली और मणिपुरी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में आयोजित किया जाएगा और इसमें 75 फिल्मों की स्क्रीनिंग शामिल होगी। डीडी नेशनल और संसद टीवी महोत्सव के हर दिन दो घंटे का विशेष कार्यक्रम और आकाशवाणी एक घंटे का कार्यक्रम प्रसारित करेगा।
यहां से लें पूरी जानकारी
‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ के तहत MyGov.in के सहयोग से निबंध लेखन, नारा लेखन, कविता लेखन, पोस्टर और लघु फिल्म से जुड़ी प्रतियोगिता के साथ-साथ ऑनलाइन विज्ञान प्रौद्योगिकी प्रश्नोत्तरी जैसी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में देश भर से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया है। 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर प्रदान किए जाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ-साथ इन प्रतियोगिताओं में शामिल प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ से संबंधित विस्तृत जानकारी www.vigyanpujyate.in वेबसाइट पर प्राप्त की जा सकती है।
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