Covid Update : तमिलनाडु के स्कूल बंद, परीक्षाएं स्थगित, कर्नाटक में गंभीर बीमार ही अस्पताल में होंगे भर्ती

Covid 19 news : कर्नाटक में कोरोना वायरस के नए मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं। शनिवार को यहां 32 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए। इसके बाद राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक केवल गंभीर बीमारी वाले मरीज ही अगले दो सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती किए जाएंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2022 10:46 AM IST

बेंगलुरू। कर्नाटक में कोरोना वायरस के नए मरीज तेजी से बढ़ने लगे हैं। शनिवार को यहां 32 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए। इसके बाद राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक केवल गंभीर बीमारी वाले मरीज ही अगले दो सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती किए जाएंगे। सरकार ने हल्की बीमारी वाले अन्य सभी मरीजों को अस्पताल नहीं जाने की अपील की है। 

उधर, तमिलनाडु ने COVID19 मामलों की संख्या में वृद्धि के कारण सभी स्कूलों को बंद कर दिया है। यहां 19 जनवरी को होने वाली परीक्षाएं अब स्थगित कर दी गई हैं। रविवार को इस संबंध में आदेश जारी किया गया। कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि निजी अस्पताल भीड़ को रोकने लिए कदम उठाएं। कर्नाटक में शन‍िवार को 32,793 लोग संक्रम‍ित पाए गए। इस दौरान 7 लोगों ने बीमारी की वजह से अपनी जान भी गंवा दी।  खबरों के मुताबिक कर्नाटक में संक्रमण के इलाज के लिए जरूरी दो दवाएं भी कम हो गई हैं। कर्नाटक में फिलहाल डेक्समेथासोन के 11 लाख और पोसाकोनाजोल के 10,000 वॉयल होने चाहिए, लेकिन राज्य के पास अभी इनके क्रमश: 50,000 और 1,200 वॉयल ही उपलब्ध हैं। 

बेंगलुरु में पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत 
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सुधाकर ने बताया कि राज्य में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी है. उन्‍होंने कहा है कि राज्य में तीसरी लहर के दौरान 3 दिनों में कोविड के मामले दोगुने हो गए हैं, जो पहली दो लहरों की तुलना में बहुत तेज है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

दिल्ली में टेस्टिंग कम हुईं
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछले 3 दिनों से मामले कम होने लगे हैं, लेकिन हम अगले 3-4 दिनों तक यह देखेंगे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीज स्थिर हैं। अधिकांश मौतें गंभीर बीमारियों के कारण हुई हैं। उन्होंने कहा कि हम टेस्टिंग तीन गुना ज्यादा तक कर रहे हैं। हल्के लक्षण वाले या एसिम्प्टोमैटिक लोगों का भी परीक्षण कर रहे हैं जो पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में हैं। 

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