अग्निपथ विवाद के बीच राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दे डाला है। उन्होंने कहा कि इस योजना में कहीं कोई समस्या नहीं है। युवाओं को इसकी ठीक तरह से जानकारी लेनी पड़ेगी। कोई गलतफहमी फैला रहा है। काफी विचार-विमर्श के बाद इस योजना का ऐलान किया गया है।
नई दिल्लीः अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ विरोध तेज हो चुका है। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने शनिवार को इस स्कीम को सही ठहराया है। नए सैन्य भर्ती मॉडल का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि हमने काफी विचार-विमर्श के बाद इस योजना का एलान किया है। उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच अफवाह फैलायी जा रही है कि अग्निपथ योजना से घाटा होगा। युवाओं को समझना होगा कि यह स्कीम क्या है। यह योजना सैनिकों के लिए बेहतर साबित होगी। योजना के तहत भर्ती होने वाले कर्मियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग को उम्दा रखा जाएगा।
गलतफहमी के ना हों शिकार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोग इसके बारे में गलतफहमी फैला रहे हैं। इस योजना को लेकर लोगों को भ्रम हो सकता है क्योंकि यह नई योजना है। उन्होंने कहा कि इस योजना का ऐलान करने से पहले लगभग दो साल तक विचार-विमर्श किया गया है। पूर्व सैनिकों के समुदाय से इसपर विचार-विमर्श हुआ। आम सहमति के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि लोगों में देश के लिए अनुशासन और गर्व की भावना हो। किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना रक्षा मंत्री ने सुझाव दिया कि 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ कुछ विरोध राजनीतिक कारणों से हो सकते हैं। कई राजनीतिक दलों को राजनीति के लिए बहुत सारे मुद्दे चाहिए। लेकिन हम जो भी राजनीति करते हैं, चाहे वह विपक्ष में रहे या सरकार में, वह देश के लिए है।
सैन्य बलों में बढ़ेगा अवसर
उन्होंने कहा, स्कीम का लक्ष्य युवाओं के लिए सैन्य बलों में अवसर बढ़ाना है। इसके तहत सशस्त्र सेना में मौजूदा एनरोलमेंट से करीब तीन गुना सैनिकों की भर्ती होगी। हालांकि इसकी निश्चित समय अवधि अभी नहीं बताई जा सकती। उल्लेखनीय है कि सरकार ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के अनुबंध पर सैनिकों की भर्ती के लिए यह योजना शुरू की है।
रेजिमेंटल प्रणाली में नहीं होगा असर
रक्षा मंत्री ने कहा, इसके तहत साढ़े 17.6 से 21 साल के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में शामिल किया जाएगा। चार साल की सेवा पूरी होने पर 25 प्रतिशत को नियमित सेवा में रखा जाएगा, वहीं 4 में से 3 अग्निवीर आगे सेवा जारी नहीं रख पाएंगे। उनके लिए सरकार शिक्षा, नौकरी व कारोबार के लिए कई अन्य विकल्प पेश कर रही है। अग्निपथ योजना से कई रेजिमेंटों की संरचना को लेकर संशय जताए जा रहे थे। इनमें निश्चित क्षेत्र या राजपूत, जाट, सिख आदि जातियों से भर्तियां होती हैं। सूत्रों के मुताबिक अग्निपथ से रेजिमेंटल प्रणाली पर कोई असर नहीं होगा। बल्कि उन्हें श्रेष्ठ अग्निवीर मिलेंगे। इससे उनकी यूनिटों का सामंजस्य और बेहतर होगा। सेना के अधिकारियों ने बताया कि पहले साल अग्निवीरों का सेना में अनुपात बहुत बेहिसाबी नहीं होगा। इस योजना के तहत नियुक्त जवानों का प्रदर्शन चार साल बाद परखकर उन्हें फिर सेना में शामिल किया जाएगा। ऐसे में सेना को सुपरवाइजर रैंक के लिए जांचे-परखे लोग मिलेंगे।
बन सकेंगे युवा उद्यमी
राजनाथ सिंह ने कहा कि कई लोगों का कहना है कि इस स्कीम के बाद अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। जबकि स्कीम के डिटेल ब्रीफ के मुताबिक अग्निवीर अपनी नौकरी के बाद जो युवा उद्यमी बनने के इच्छुक होंगे, उन्हें वित्तीय पैकेज व बैंक लोन मिलेंगे। जो आगे पढ़ने के इच्छुक हैं, उन्हें 12वीं के समकक्ष प्रमाणपत्र देकर ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। जो जॉब करना चाहते हैं, उन्हें केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों व राज्य पुलिस में प्राथमिकता मिलेगी। कई अन्य सेक्टर भी इन अग्निवीरों के लिए खोले जाएंगे।
12वीं की शिक्षा के लिए विशेष व्यवस्था
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) रक्षा अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर 10वीं कक्षा पास कर अग्निपथ सेवा में आने वाले अग्निवीरों को 12वीं का प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए एक विशेष प्रोग्राम तैयार करेगा। इसके तहत अग्निवीरों के लिए विशेष रूप से तैयार कोर्स शुरू किए जाएंगे जो उनके सेवा क्षेत्र के हिसाब से प्रासंगिक होगा। शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 12वीं का यह प्रमाणपत्र सिर्फ रोजगार के लिए ही नहीं बल्कि आगे की शिक्षा के लिए भी पूरे देश में मान्य होगा।
सैलरी स्ट्रक्चर
सैलरी - महीने में वेतन - कैश इन हैंड
पहले साल - 30000 - 21000
दूसरे साल - 33000 - 23100
तीसरे साल - 36,500 - 25,550
चौथे साल - 40000 - 28000
अग्निपथ स्कीम की बेसिक जानकारी
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