पाकिस्तान सीधे युद्ध करने में अक्षम, हमारी मजबूती से छोटे देश सुरक्षित महसूस करतेः राजनाथ सिंह

राष्ट्रीय सुरक्षा पर स्वर्गीय बलरामजी दास टंडन संगोष्ठी में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा‘ विषय पर बोलेते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान से पैदा हुए खतरे को लेकर कहा कि वह जानता है कि भारत के खिलाफ सीधे युद्ध नहीं लड़ा जा सकता। 

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार भारत को मजबूत बनाने का इरादा रखती है ताकि छोटे देश भी सुरक्षित और संरक्षित महसूस कर सकें।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर स्वर्गीय बलरामजी दास टंडन संगोष्ठी में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा‘ विषय पर बोलेते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान से पैदा हुए खतरे को लेकर कहा कि वह जानता है कि भारत के खिलाफ सीधे युद्ध नहीं लड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि 1965 और 1971 में मिली पराजय ने पूरी तरह यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध करने की स्थिति में नही है। भारत के साथ सीधे युद्ध न करने की अक्षमता ने पाकिस्तान को दो नीतियों पर काम करने के लिए मजबूर किया। एक तो उन्होंने एटमी रास्ता खोजने की दिशा में कदम बढ़ाए और दूसरी तरफ भारत को ‘डेथ ऑफ थाउजेंट कट्स‘ देने की नीति पर काम शुरू किया।

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राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य भारत को एक समृद्ध, मजबूत और सुरक्षित देश बनाना है। एक ऐसा भारत जो देशों को धमकी नहीं देता बल्कि उनमें विश्वास और विश्वास की भावना को आत्मसात करता है। कि मजबूत भारत उनके लिए खतरा नहीं है, लेकिन उनमें सुरक्षा और सुरक्षा की भावना हो सकती है।‘

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा हालात चिंता का विषय है। मंत्री ने कहा, ‘पड़ोसी अफगानिस्तान में जो कुछ भी हो रहा है, वह सुरक्षा के लिहाज से नए सवाल हैं। हमारी सरकार देश की स्थिति पर नजर रख रही है।‘

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार सतर्क है और सभी स्थितियों से निपटने के लिए तैयार है। हम हमेशा कहीं से भी उत्पन्न होने वाले खतरों से निपटने के लिए तैयार हैं - भूमि, वायु और जल।’

कश्मीर में जल्द हो जाएगा आतंकवाद का खात्मा

उन्होंने कश्मीर के हालातों पर बात करते हुए कहा कि कश्मीर से आतंकवाद का सफाया जल्द हो जाएगा क्योंकि धारा 370 और 35ए के चलते वहां अलगाववादी ताकतों को जो मजबूती मिलती थी, वह अब खत्म हो गई है। आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें बड़ा बदलाव आया है और उनमें यह भरोसा पैदा हुआ है कि राष्ट्र रक्षा के कर्तव्य पालन में उन्हें खुली छूट रहेगी। 

उन्होंने कहा, ‘इससे सेना और सुरक्षा बलों का आत्मविश्वास और मनोबल कितना ऊंचा हुआ है इसका अनुमान आप इसी बात से लगा सकते है कि पिछले सात सालों में भारत के में एक भी बड़ी आतंकवादी घटना उन्होंने नहीं होने दी है।‘  उन्होंने कहा कि अब भारतीय सेना जरूरत पड़ने पर सीमा पार जाकर भी आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने से पीछे नहीं हट रही है। 

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