डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर्स की जांच शुरू, एक दिन पहले दिया था बयान-CBI का स्वागत है

दिल्ली सरकार बीते साल नई आबकारी नीति लाई थी। दिल्ली आबकारी नीति के लागू होने के बाद आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। बताया जा रहा है कि इस नीति के माध्यम से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने करीबियों को लाभ पहुंचाया और उनके खास लोगों के माध्यम से करोड़ों रुपयों का ट्रांसफर किया गया है।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 29, 2022 3:24 PM IST / Updated: Aug 30 2022, 02:32 PM IST

नई दिल्ली। आबकारी नीति घोटाला (Delhi Excise Policy Scam) की जांच कर रही सीबीआई (CBI)लगातार रेड कर रही है। मंगलवार से दिल्ली में नई आबकारी नीति में कथित घाटाले में आरोपी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के बैंक लॉकर्स की जांच शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश स्थित गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 4 स्थित पंजाब नेशनल बैंक में CBI के अधिकारी जांच करने पहुंचे। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) ने सोमवार को ही ऐसी संभावना जताई थी। उन्होंने जानकारी देते हुए ट्वीट किया था कि सीबीआई का उनके बैंक लॉकर्स की जांच के लिए रेड का स्वागत है।

करीब 45 मिनट तक लॉकर की जांच हुई
CBI गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 4 की पंजाब नेशनल बैंक ब्रांच पहुंची। करीब45 मिनट तक लॉकर की जांच की गई। जांच के समय मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं। जब तक जांच चली, बैंक के गेट बंद रहे। यानी और किसी को एंट्री नहीं दी गई। दरअसल, खाताधारक की अनुमति और उपस्थिति के बिना लॉकर नहीं खोले जा सकते हैं। यह नियम है।मनीष सिसोदिया गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में ही रहते थे। जांच के बाद सिसोदिया ने कहा कि लॉकर से सीबीआई को कुछ भी नहीं मिला। मेरा परिवार पाक-साफ है। ये सच्चाई की जीत है। सिसोदिया ने कहा कि कि ये जांच पीएम ने कराई है। उन्हें 2-3 महीने से जेल भेजने की साजिश की जा रही है।

सिसोदिया ने क्या ट्वीट किया...

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर मंगलवार को सीबीआई रेड किए जाने का दावा किया था। सिसोदिया ने ट्वीट किया: 'कल सीबीआई हमारे बैंक लॉकर पर छापा मारने आ रही है। 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे की छापेमारी में कुछ भी नहीं मिला। लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा। सीबीआई में आपका स्वागत है। मैं और मेरा परिवार जांच में पूरा सहयोग करेंगे।'

केंद्र की बीजेपी सरकार है केजरीवाल से परेशान

दिल्ली आबकारी नीति में अनियमितता के सभी आरोपों को खारिज करते हुए सिसोदिया ने कहा कि इसे पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया गया है। इन लोगों को घोटाले की चिंता नहीं है। उनकी चिंता अरविंद केजरीवाल हैं, जिन्हें जनता प्यार करती है और एक राष्ट्रीय विकल्प के रूप में उभरे हैं। कहा: 'मेरे खिलाफ प्राथमिकी पूरी तरह से फर्जी है। मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है ... वे (भाजपा) दूसरे राज्य सरकारों को खत्म करने के लिए सीरियल किलर की तरह काम कर रहे हैं। राज्य सरकारों की हत्या के लिए वे जो प्रयास कर रहे हैं, उन्हें स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण में इतना प्रयास करना चाहिए था।'

15 लोगों के खिलाफ केस है दर्ज

दरअसल, दिल्ली सरकार ने बीते साल नई आबकारी नीति लाई थी। दिल्ली आबकारी नीति के लागू होने के बाद आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। बताया जा रहा है कि इस नीति के माध्यम से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने करीबियों को लाभ पहुंचाया और उनके खास लोगों के माध्यम से करोड़ों रुपयों का ट्रांसफर किया गया है। बीते दिनों दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। गुरुवार को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 

सीबीआई के एफआईआर में आरव गोपी कृष्णा, पूर्व उप आबकारी आयुक्त आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर के अलावा नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया गया है। सीबीआई ने एफआईआर में कुल नौ निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया है। लेकिन 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल, इंडोस्पिरिट के एमडी समीर महेंद्रू, महादेव लिकर्स के सन्नी मारवाह और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई के अलावा अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडेय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जबकि 9वें आरोपी पर्नोड रिकार्ड के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट मनोज राय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है। 

दो टॉप ब्यूरोक्रेट्स को किया गया है सस्पेंड

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण (Arava Gopi Krishna) और उपायुक्त आनंद तिवारी (Anand Tiwari) को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने 11 अधिकारियों के सस्पेंशन की सिफारिश गृह मंत्रालय से की थी। उप राज्यपाल की सिफारिश पर मुहर लगाते हुए मंत्रालय ने दो नौकरशाहों के निलंबन का आदेश जारी किया।

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