भारत में इस्तेमाल होने वाले 97% फोन मेड इन इंडिया, जानिए IT मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर क्या कहते हैं

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में इस्तेमाल होने वाले 97% प्रतिशत से अधिक मोबाइल फोन देश में ही बनते हैं। यानी मेड इन इंडिया। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा आयोजित कार्यक्रम CyFY2022 में मंत्री ने यह बात कही।

नई दिल्ली. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर( Rajeev Chandrasekhar) ने बुधवार को कहा कि भारत में इस्तेमाल होने वाले 97% प्रतिशत से अधिक मोबाइल फोन देश में ही बनते हैं। यानी मेड इन इंडिया। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा आयोजित कार्यक्रम CyFY2022 में मंत्री ने यह बात कही।

2014 में 92 प्रतिशत आयात होते थे
मंत्री राजीव चंद्रशेखन ने कहा- “2014 में भारत में उपयोग किए जाने वाले 92 प्रतिशत से अधिक मोबाइल फोन आयात किए जाते थे। आज भारत में उपयोग किए जाने वाले 97 प्रतिशत से अधिक मोबाइल फोन भारत में बने हैं। आज हम 12 अरब डॉलर मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का निर्यात करते हैं।' मंत्री ने बताया कि डेटा प्रोटेक्शन बिल बहुत सिम्पल और मार्डन होगा। उन्होंने कहा कि निजता का अधिकार(right to privacy) और डेटा संरक्षण( data protection) भारत में मौलिक अधिकार(fundamental rights in India) हैं और डेटा प्रोटेक्शन बिल इन अधिकारों को मान्यता देने और स्थापित करने में बहुत प्रगतिशील होगा। नया व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक( new personal data protection bill) अगले साल फरवरी में संसद के बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि केंद्र ने अगस्त में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2021 को वापस ले लिया है और इसे एक व्यापक कानूनी ढांचे से बदल दिया जाएगा।

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सेमी कंडक्टर और माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज
चंद्रशेखर, जो केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री(Skill Development and Entrepreneurship) भी हैं, ने कहा कि भारत न केवल सेमीकंडक्टर और माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों से संबंधित टैलेंट और इनोवेशन के लिए एक लोकल हब के रूप में उभरा है, बल्कि यह इनोवेशन इकोनॉमी का एक ग्लोबल सेंटर बनने के लिए भी तैयार है। मंत्री ने कहा कि भारत ने 2014 से सेमीकंडक्टर क्षेत्र में काफी प्रगति की है। 2014 में अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक डिवासेज का आयात किया जाता था, लेकिन आज 97 प्रतिशत उपकरण भारत में बन रहे हैं। मंत्री ने कहा कि भारत के पास सेमीकंडक्टर स्पेस को आगे बढ़ाने का ब्लूप्रिंट भी है।

केंद्रीय मंत्री ने ये बात भी कही
चंद्रशेखर ने कहा कि आज लगभग हर इकोसिस्टम, चाहे वह ड्रोन इकोसिस्टम हो या कोई अन्य, सबमें कहीं अधिक स्टार्ट-अप हैं और वे एक नए भारत के निर्माण के सरकार के विजन का एक अभिन्न अंग हैं। मंत्री ने कहा-“ग्लोबल सप्लाई चेन को न केवल दक्षता और सामर्थ्य से बल्कि मूल्यों और विश्वास से भी आकार देने की आवश्यकता है। लोकतांत्रिक देशों को इंटरनेट के भविष्य को आकार देने का बीड़ा उठाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में स्टार्टअप हैं, जो अगली पीढ़ी के डिवाइस और प्रौद्योगिकी डिजाइन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि भारत ने अपने इंटरनेट को खुला रखने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है, लेकिन कुछ सीमा शर्तें लागू होनी चाहिए। मंत्री ने कहा-“सेफ्टी, सिक्योरिटी और ट्रस्ट बहुत जरूरी है। इन सीमा स्थितियों के आसपास आम सहमति बनाने की जरूरत है।”

मंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ाव अर्थव्यवस्था, आकांक्षाओं और युवाओं को बदल रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास में कभी भी इस साइज और स्केल पर इनोवेशन करने वाला देश नहीं रहा है। "भारत वेब 3.0 में चार्ज का नेतृत्व करने के लिए उत्सुक है, लेकिन ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो के आसपास के मुद्दों को बुद्धिमानी से मैनेज करने की आवश्यकता है। इनोवेशन को प्रभावित किए बिना सेफ्टी और ट्रस्ट का माहौल बनाया जाना चाहिए।" 

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