दिल्ली सरकार ने राज्य के 72 लाख गरीबों के लिए राशन की डोर-स्टेप डिलेवरी का ऐलान किया था। इसके तहत राशनकार्ड धारकों के अलावा अन्य गरीबों को भी राशन दिया जाना था। लेकिन केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए इस पर रोक लगा दी। केंद्र सरकार ने कहा कि स्कीम को लागू करने के लिए केजरीवाल सरकार ने आवश्यक अप्रूवल नहीं लिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली में डोर-स्टेप राशन डिलेवरी पर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राशन की डोर-स्टेप डिलेवरी योजना पर रोक से लाखों गरीब प्रभावित होंगे। केंद्र सरकार से इस योजना के लिए एक नहीं पांच बार अप्रूवल लिया था जबकि कानून केंद्र सरकार के अप्रूवल की आवश्यकता ही नहीं है। उधर, भाजपा प्रवक्ता ने केजवरीवाल सरकार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मोदी सरकार गरीबों को राशन से वंचित नहीं कर रही है बल्कि जरुरतमंदों को राशन पहुंचा रही है।
केजरीवाल ने बोलेः पीएम से हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट, मत रोके गरीबों का राशन
दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में डोर-स्टेप राशन डिलेवरी स्कीम पर केंद्र सरकार से अपील की है कि दिल्ली के 72 लाख गरीब लोगों से जुड़ी हुई स्कीम को केंद्र सरकार मत रोके। यह स्कीम देशहित में है। जनहित के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा कि वह गरीबों के राशन को मत रोके। केजरीवाल ने कहा कि योजना को रोकने के पीछे केंद्र सरकार यह तर्क दे रही कि उससे अप्रूवल नहीं लिया गया। जबकि उनकी सरकार ने एक नहीं पांच-पांच बार अप्रूवल लिया। हालांकि, दिल्ली सरकार को कानून किसी भी अप्रूवल की आवश्यकता नहीं लेकिन हमने संवेदनशीलता दिखाते हुए यह काम किया।
संबित पात्रा ने कहाः मोदी सरकार गरीबों को राशन दे रही
उधर, भाजपा प्रवक्ता ने इस पर पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल ने आज कहा है कि मोदी जी दिल्ली की गरीब जनता को उनके अधिकार से वंचित रख रहें। वह घर-घर राशन रोकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है। मोदी सरकार ने नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट व पीएम गरीब कल्याण योजना से दिल्ली के जरूरतमंदों को राशन पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत 37,400 मीट्रिक टन अनाज और पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 72782 मीट्रिक टन अनाज भेजा है। दिल्ली सरकार 53000 मीट्रिक टन अनाज ही उठा पाई है। अभी तक 68 प्रतिशत अनाज ही सरकार उठा पाई है।
यह था मामला
दरअसल, दिल्ली सरकार ने राज्य के 72 लाख गरीबों के लिए राशन की डोर-स्टेप डिलेवरी का ऐलान किया था। इसके तहत राशनकार्ड धारकों के अलावा अन्य गरीबों को भी राशन दिया जाना था। लेकिन केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए इस पर रोक लगा दी। केंद्र सरकार ने कहा कि स्कीम को लागू करने के लिए केजरीवाल सरकार ने आवश्यक अप्रूवल नहीं लिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस योजना पर पहले भी रोक लगाया था। यह योजना पहले 25 मार्च से शुरू होने वाली थी लेकिन केंद्र सरकार ने नाम को लेकर आपत्ति जताते हुए रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार ने योजना का नाम मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना रखा गया था। बाद में अरविंद केजरीवाल ने इस योजना के नाम से एमएमजीजीआरवाई को हटाने का ऐलान किया था।