भाषा के मुद्दे पर माननीयों के 'भाषा' बिगड़ती जा रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से अंग्रेजी और हिंदी के मुद्दे पर बहस के बाद यह लड़ाई शशि थरूर V/s रामदास अठावले तक जा पहुंची है। अंग्रेजी V/s हिंदी का यह मामला पिछले कई दिनों से संसद में चर्चा का विषय बना हुआ है। पढ़िए आखिर संसद में हो क्या रहा है?
नई दिल्ली. भाषा के मुद्दे पर माननीयों के 'भाषा' बिगड़ती जा रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से अंग्रेजी और हिंदी के मुद्दे पर बहस के बाद यह लड़ाई शशि थरूर V/s रामदास अठावले तक जा पहुंची है। अंग्रेजी V/s हिंदी का यह मामला पिछले कई दिनों से संसद में चर्चा का विषय बना हुआ है।
शशि थरूर V/s रामदास अठावले
कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) कई बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें सुनकर लोग अंग्रेजी की डिक्शनरी खंगालने को विवश हो जाते हैं। गुरुवार को एक बार फिर वह अपनी अंग्रेजी के लिए चर्चा में आ गए। इस बार कारण अंग्रेजी का कोई कठिन शब्द नहीं, बल्कि अंग्रेजी के शब्द की स्पेलिंग में गलती है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शशि थरूर के ट्वीट में से अंग्रेजी के शब्द लिखने में हुई गलतियां निकाली हैं। इसके साथ ही उन्होंने शशि थरूर की क्लास लेते हुए बताया है कि ये शब्द कैसे लिखे जाते हैं। रामदास अठावले की यह ट्वीट चर्चा में है।
अठावले को जवाब देते हुए शशि थरूर ने एक tweet किया। इसमें उन्होंने जेएनयू की नई कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित के संदर्भ में ट्वीट करते हुए कहा, "लापरवाह टाइपिंग खराब अंग्रेजी से बड़ा पाप है! लेकिन जब आप एक पद पर हैं, तो जेएनयू में कोई है जो आपकी ट्यूशन से लाभान्वित हो सकता है।" बता दें कि जेएनयू की पहली महिला कुलपति पंडित का अंग्रेजी में लिखा एक पत्र वायरल हुआ था, जिसमें अंग्रेजी के व्याकरण की कई गलतियां दिखी थीं। बता दें कि पंडित इससे पहले पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट में प्रोफेसर थीं। उनके पिता लेखक और पत्रकार थे और मां भी प्रोफेसर थीं। उन्होंने मद्रास ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन मद्रास प्रेसिडेंसी कॉलेज से किया था। इसके बाद एमफिल और पीएचडी जेएनयू से किया। वह शिक्षा के क्षेत्र में 1988 से कार्यरत हैं। हालांकि जेएनयू में उन्हें लेकर एक खास वर्ग खुश नहीं है। पिछले दिनों उनके twitter अकाउंट के हैक होने का मामला सामने आया था। पंडित ने खुद कहा था कि उन्होंने 6 साल पहले अपना twitter अकाउंट बंद कर दिया था। जेएनयू के अंदर ही किसी ने उनका अकाउंट हैक किया था।
शशि थरूर ने अठावले की तस्वीर किया था पोस्ट
दरअसल, शशि थरूर ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के दौरान की एक तस्वीर ट्वीट की थी। इस तस्वीर में रामदास अठावले किसी बात पर हैरान दिख रहे हैं। थरूर ने तस्वीर के साथ ट्वीट किया कि बजट भाषण के दौरान की यह तस्वीर सब कुछ कहती है। मंत्री रामदास अठावले के चेहरे पर हैरान रह जाने वाले भाव सब कुछ बयान कर रहे हैं।
शशि थरूर के tweet पर रामदास अठावले ने दिया था ये जवाब
शशि थरूर के इस ट्वीट के जवाब में रामदास अठावले ने ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "प्रिय शशि थरूर जी, बेवजह के दावे और बयान देते समय गलती होना लाजमी है। यह "Bydget" नहीं बल्कि BUDGET है। इसके अलावा, भरोसा (rely) नहीं बल्कि "जवाब" (reply)! खैर, हम समझते हैं!"I
stand corrected, Ramdas ji. Careless typing is a bigger sin than bad English!
But while you're on a roll, there's someone at JNU who could benefit from your tuition.....
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सिंधिया से भिड़ चुके हैं थरूर
भाषाई मुद्दे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी पिछले दिनों नोंक-झोक हो गई थी। 3 फरवरी को लोकसभा में शशि रूथर ने अंग्रेजी में सवाल पूछा था। इस पर सिंधिया ने हिंदी में जवाब दिया। इस पर थरूर नाराज हो गए थे। उन्होंने इसे अपना अपमान तक बता दिया था। तमिलनाडु के सदस्यों की ओर से अंग्रेजी में पूछे गए पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने हिंदी में उत्तर दिया था। इस पर तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह पूछने वालों का अपमान है।
थरूर का तर्क था कि वे अंग्रेजी में बोलते हैं और उन्हें जवाब भी अंग्रेजी में ही चाहिए। प्रश्न काल के दौरान थरूर ने कहा था कि 'जरा जवाब हिंदी में मत दीजिए... ये अपमान है लोगों का।' इस पर सिंधिया ने पलटवार किया था कि यह इस तरह की टिप्पणी करना अजीब है। सिंधिया ने कहा था कि वे हिंदी बोले, तो एतराज हो रहा है। जबकि सदन में अनुवादक भी है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह अपमान नहीं है।
संसद में V/s हिंदी
भाषा को लेकर बुधवार को भी लोकसभा में हंगामा हो गया था। यह विवाद तमिल V/s हिंदी से जुड़ा है। हुआ यूं कि प्रश्नकाल के दौरान द्रमुक सांसद ए गणेशमूर्ति ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश( Foreign direct investment) यानी FDI से संबंधित एक पूरक सवाल तमिल में पूछा था। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसका जवाब हिंदी में दिया। इसके बाद दोनों में तीखी बहस हो गई।