बच्चों के टीकाकरण के फैसले को AIIMS के डॉक्टर ने अवैज्ञानिक करारा, बोले-नहीं मिलेगा अतरिक्त लाभ

Published : Dec 26, 2021, 06:30 PM ISTUpdated : Dec 26, 2021, 06:37 PM IST
बच्चों के टीकाकरण के फैसले को AIIMS के डॉक्टर ने अवैज्ञानिक करारा, बोले-नहीं मिलेगा अतरिक्त लाभ

सार

बच्चों को कोरोना टीका लगाने के मोदी सरकार के फैसले को पर एम्स के वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ संजय ने अवैज्ञानिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलने वाला है। विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार रात को देश के लोगों के संबोधन करते हुए एलान किया कि 15 साल से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू होगा। तीन जनवरी को सोमवार से बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा। पीएम मोदी के इस फैसले पर एम्स के वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ संजय के राय (Dr Sanjay K Rai) ने सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने सरकार के इस फैसले को अवैज्ञानिक करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे कोई अतिरिक्त लाभ नहीं होने वाला है। 

डॉ संजय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को टैग करते हुए एक ट्वीट किया कि मैं राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा करने और सही टाइम पर सही निर्णय लेने के लिए पीएम मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। लेकिन मैं बच्चों के वैक्सीनेशन के उनके अवैज्ञानिक फैसले से पूरी तरह से निराश हूं।  

 विश्‍लेषण करने के बाद उठाना चाहिए था यह कदम
राय ने कहा कि इस कदम को उठाने से पहले मोदी सरकार को उन देशों के आंकड़ों का विश्‍लेषण करना चाहिए था, जहां पर बच्चों का वैक्सीनेशन पहले  ही शुरू हो चुका है।

ब्रिटेन हर दिन कोरोना के 50 से अधिक मामले आ रहे सामने
डॉ राय ने कहा कि ब्रिटेन हर दिन कोरोना के 50 से अधिक मामले आ रहे हैं। इससे यह साबित हो रहा है कि कोरोना टीका वायरस के संक्रमण को रोक नहीं पा रहा है। लेकिन टीकाकरण कोरोना संक्रमण से होने वाली गंभीरत और मौतों को रोकने में जरूर प्रभावी है।  

उन्होंने कहा कि कोरोना की मुत्यु दर 1।5 फीसदी है। इसका मतलब है कि कोरोना संक्रमण के 10 लाख केस पर 15 हजार लोगों की मौतें।  लेकिन टीकाकरण के जरिए 80 से 90 फीसदी मौतों को रोका जा सकता है। इससे तात्पर्य है कि प्रति 10 लाख पर 13 से 14 हजार मौतों को रोका जा सकता है।

राय ने कहा कि टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाएं प्रति दस लाख आबादी पर 10 से 15 के बीच होती हैं। इस वजह से यदि आप  वयस्कों में जोखिम और लाभ विश्लेषण करते हैं, तो यह एक बड़ा लाभ है

बच्चों में संक्रमण की गंभीरता होती है बहुत कम 
राय ने कहा कि बच्चों के मामले में, संक्रमण की गंभीरता बहुत कम होती है और सार्वजनिक रुप में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रति मिलियन जनसंख्या पर केवल दो मौतों की सूचना मिली है। 

यह भी पढ़ेें- पीएम मोदी का ऐलान: 15 से 18 साल के बच्चों को 3 जनवरी से वैक्सीनेशन, 10 जनवरी से प्रीकॉशन डोज भी लगना शुरू होगा

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