हर घर तिरंगा अभियान के कारण आसमान छू रही झंडे की बिक्री, मांग पूरी करने में व्यापारियों के छूटे पसीने

हर घर तिरंगा अभियान के कारण झंडे की मांग 50 गुणा बढ़ गई है। व्यापारियों को मांग पूरी करने में परेशानी हो रही है। केंद्र सरकार ने कम से कम 20 करोड़ घरों पर झंडा लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 8, 2022 1:50 PM IST / Updated: Aug 08 2022, 07:35 PM IST

नई दिल्ली। भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर केंद्र सरकार ने 'हर घर तिरंगा' अभियान शुरू किया है। बड़ी संख्या में आम लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं। इसके चलते झंडे की बिक्री आसमान छू रही है। व्यापारियों के लिए मांग पूरी करना कठिन हो रहा है। 

दिल्ली के सदर बाजार के थोक व्यापारी गुलशन खुराना 50 वर्षों से अधिक समय से राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति करने के व्यवसाय में हैं, लेकिन उन्होंने कभी तिरंगे की इतनी भारी मांग नहीं देखी। गुलशन खुराना ने कहा कि 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अभियान की घोषणा के बाद से सभी प्रकार के तिरंगे की बिक्री 50 गुना बढ़ गई है। 

घरों पर 20 करोड़ झंडे लगाने का है लक्ष्य
अभियान के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 13 से 15 अगस्त तक घरों के ऊपर कम से कम 20 करोड़ झंडे लगाने का है। खुराना छुट्टी मनाने अमेरिका गए थे। पीएम ने जैसे ही अभियान की घोषणा की उनके पास झंडों के बड़े ऑर्डर के लिए खरीददारों से दर्जनों कॉल आने लगे।

उन्होंने कहा, "मैं इस व्यवसाय में 50 से अधिक वर्षों से हूं। आप बचपन से कह सकते हैं, लेकिन मैंने कभी भी भारतीय झंडे की इस तरह की मांग नहीं देखी। मेरा फोन बजना बंद नहीं होता है। मांग पूरा करने के लिए मैं छुट्टी बीच में रद्द कर भारत लौट आया। 

50 गुना बढ़ गई मांग
गुलशन खुराना ने कहा, "हम अभी केवल दो आकारों (16X24 और 18X27) के तिरंगा झंडे का उत्पादन कर रहे हैं। इस दो आकार के झंडे की मांग सबसे अधिक है। इसके उत्पादन के लिए हम अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हर दिन हम लगभग 15 लाख झंडे का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन मांग और भी अधिक है। पूरे भारत से ऑर्डर आ रहे हैं। देश में झंडे की कमी है। इसलिए लोग जहां से भी हो सके झंडे प्राप्त कर रहे हैं। हमने अभी एक लाख झंडे गोवा भेजे हैं।"

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उन्होंने कहा, "मुझे हर दिन करोड़ों झंडों के ऑर्डर मिल रहे हैं। हम इसका केवल एक हिस्सा ही पूरा कर पाए हैं। हमने सभी ऑर्डर पूरा करने की कोशिश की, लेकिन यह मुश्किल है।" झंडों के निर्माता और व्यापारी अनिल ने कहा कि उन्होंने अपनी अन्य विनिर्माण इकाइयों के मजदूरों को झंडा बनाने में लगा दिया है। अभियान की घोषणा के बाद से हमारी बिक्री कई गुना बढ़ गई है। हम ओवरटाइम काम कर रहे हैं। बिक्री 50 गुना बढ़ गई है। यह उछाल अचानक आया।

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