कोरोना पर बोले स्वास्थ्य मंत्री- 7 दिनों से 80 जिलों में तो 14 दिनों से 47 जिलों में नहीं आया नया केस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने आज बैठक की और अभी तक के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान सामने आया कि पिछले सात दिनों में 80 जिलों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। पिछले 14 दिनों में 47 जिले, 21 दिनों में 39 जिले और 28 दिनों से 17 जिलों में कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 28, 2020 10:31 AM IST / Updated: Apr 28 2020, 05:07 PM IST

नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी का संकट बढ़ता जा रहा है। संक्रमित मरीजों की संख्या 29 हजार 674 हो गई है। इस बीच टेस्टिंग किट, पीपीई समेत अन्य मेडिकल के सामान की मांग भी बढ़ रही है। चीन से लाई गईं किट ने टेस्टिंग के वक्त धोखा दे दिया, जिसके बाद अब मेक इन इंडिया किट बनाने पर काम जारी है। जिसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने आज बैठक की और अभी तक के कामकाज की समीक्षा की। 

एक हफ्ते से 80 जिलों में नहीं आया नया केस 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले सात दिनों में 80 जिलों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। पिछले 14 दिनों में 47 जिले, 21 दिनों में 39 जिले और 28 दिनों से 17 जिलों में कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले तीन दिनों में भारत में दोगुने मामले होने की रफ्तार में कमी आई है, अब 10.9 दिन के हिसाब से मामले डबल हो रहे हैं।  पहले ये रफ्तार करीब 7-8 दिन के आसपास थी।

दिल्ली में 4.11 फीसद स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित

मीटिंग के बाद डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें COVID-19 से बेहतर तरीके से लड़ने के लिए दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण सील क्षेत्रों के दायरे को और बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 4.11 फीसद स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हैं।

वैक्सीन को लेकर किया जा रहा रिसर्च 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने करीब18 संगठन और पीएसयू के डायरेक्टर और प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस दौरान मेक इन इंडिया के तहत देश में एंटी बॉडी डिटेक्शन किट, रियल टाइम PCR किट बनाए जाने की स्थितियों को लेकर चर्ची की गई। साथ ही बैठक में बताया गया कि रिसर्च का काम भी तेज हो गया है। इसके अलावा देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने को लेकर भी रिसर्च का कामकाज जारी है। 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को पकड़ने के लिए जरूरी है कि टेस्टिंग की रफ्तार को बढ़ाया जाए, इसके लिए भारत सरकार की ओर से चीन से लाखों की संख्या में टेस्टिंग किट, रैपिड किट मंगवाई गई। लेकिन जब टेस्टिंग की बारी आई तो इन किट ने धोखा दे दिया। 

हरियाणा में बनाई जा रही है किट

राजस्थान समेत कई राज्य सरकारों के द्वारा चीन से आई रैपिड टेस्टिंग किट पर सवाल उठाने के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इसके उपयोग पर रोक लगा दी थी। इसी के बाद देश में मेक इन इंडिया के तहत किट बनाई जा रही थी। इसके अलावा हरियाणा के मानेसर में मौजूद साउथ कोरियाई कंपनी के प्लांट में भी किट बनाने का काम जारी है। 

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