‘छपाक’ पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पीड़िता की वकील को क्रेडिट नहीं दिया तो 15 जनवरी से लगेगी रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दीपिका पदुकोण अभिनीत छपाक फिल्म के निर्माताओं को निर्देश दिया है कि वे तेजाब हमला पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की वकील को फिल्म में सहयोग देने के लिए श्रेय दें

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2020 10:00 AM IST / Updated: Jan 11 2020, 07:58 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दीपिका पादुकोण अभिनीत 'छपाक' के निर्माताओं को फिल्म के प्रदर्शन से तब तक रोक लगा दी है जब तक वे तेजाब पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल के वकील को फिल्म में श्रेय नहीं देते हैं। लक्ष्मी के जीवन पर आधारित फिल्म के लिए वकील ने जानकारी मुहैया कराई थी।

अदालत ने फिल्म की निर्देशक मेघना गुलजार और निर्माता फॉक्स स्टार स्टुडियोज को निर्देश दिया कि वे ''लक्ष्मी अग्रवाल के मुकदमे की पैरवी करने वाली वकील अपर्णा भट की ओर से मिले सहयोग के लिए उनका धन्यवाद'' लाइन को फिल्म की ओपनिंग क्रेडिट (फिल्म शुरु होने से पहले आने वाली सूचना) में लिखकर उन्हें श्रेय दें।

Latest Videos

18 जनवरी तक यह बदलाव करने होंगे

जिन थियेटरों में फिल्म की डिजिटल प्रति है, उनमें 15 जनवरी तक और जहां रील वाली प्रतियां हैं उनमें 18 जनवरी तक यह बदलाव करने होंगे। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने आदेश दिया, ''बचाव पक्ष (निर्माता/निर्देशक) को ओपनिंग क्रेडिट में वादी (वकील भट) को नाम के साथ श्रेय दिए बगैर.... केबल टीवी, घर में प्रसारण, डीटीएच मंचों, इंटरनेट मनोरंजन और स्ट्रीमिंग सेवाओं सहित किसी भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से 'छपाक' फिल्म को रिलीज करने से प्रतिबंधित किया जाता है।''

वकील अपर्णा भट को श्रेय देने को कहा गया

अदालत ने फिल्म के निर्माता फॉक्स स्टार स्टुडियो की याचिका पर यह फैसला सुनाया। स्टुडियो ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती थी कि जिसमें वकील अपर्णा भट को श्रेय देने को कहा गया था। फिल्म पिछले शुक्रवार को रिलीज हुई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अदालत ने निर्माताओं से पूछा कि उन्होंने वकील से मिले सहयोग और जानकारी के लिए उनको श्रेय क्यों नहीं दिया।

दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं

अदालत ने पूछा कि वकील को श्रेय देने में क्या परेशानी है और निर्माता उनसे सहयोग लेने गए ही क्यों थे। इस पर निर्देशक मेघना गुलजार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सोनी ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ था और सहयोग या सूचनाएं प्राप्त करने का यह मतलब नहीं है कि उन्हें श्रेय पाने का कानून हक मिल गया है।

स्टुडियो की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश सुनाने से पहले उनकी दलीलें नहीं सुनी और अंतरिम आदेश सुना दिया, जोकि सामान्य नहीं है। भट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख ने कहा कि उन्होंने लक्ष्मी के लिए शुरू से आखिर तक लड़ाई लड़ी और कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया। मेघना गुलजार उनके पास मदद और जानकारी पाने गई थीं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
 

Share this article
click me!

Latest Videos

इजराइल का क्यों कुछ नहीं उखाड़ पा रहा है Iran, वजह सिर्फ एक
इन 7 देशों ने चौतरफा दुश्मनों से घिरे दोस्त इजराइल का साथ बीच मझधार में छोड़ा । Israel Iran Conflict
56 साल बाद घर आई जवान की डेडबॉडी, इंतजार करते मर गए माता-पिता, पत्नी-बेटा
Congress LIVE: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरियाणा के चरखी दादरी में जनता को संबोधित किया
नवरात्र में भूलकर भी न करें ये 5 काम, जानें किन-किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान । Navratri 2024