दूसरे देशों में जाकर फिर चीन की यात्रा करना अत्यधिक महंगा भी है। भारतीय यात्री इस समय श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार के रास्ते चीन की यात्रा कर रहे हैं जिसके लिए हवाई किराए में भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है।
Flights between India-China: भारत-चीन के बीच सीधी फ्लाइट को लेकर उम्मीद जगी है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच शीघ्र एयर सर्विस प्रारंभ हो जाएगी। कोलकाता में चीनी महावाणिज्य दूत झा लियू ने साफ तौर पर कहा कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरू होनी चाहिए। दोनों देशों की सरकारों को इस पर मिलकर काम करना चाहिए। कोरोना के शुरूआती दौर में दोनों देशों के बीच उड़ान बंद कर दी गई थी। दरअसल, चीन के वुहान से कोरोना के फैलने के बाद तमाम देशों ने चीन से संपर्क तोड़ लिया था।
तीन साल बाद वीजा प्रतिबंध हटा तो आ गए मेडिकल स्टूडेंट
बीजिंग ने हाल ही में तीन साल बाद वीजा प्रतिबंध हटाया था। इस प्रतिबंध के हटाए जाने के बाद करीब 23 हजार भारतीय स्टूडेंट्स जिनमें अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे और घर वापस आ गए थे, ने जाने की तैयारी कर ली थी। लेकिन सीधी उड़ान नहीं होने की वजह से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, दूसरे देशों में जाकर फिर चीन की यात्रा करना अत्यधिक महंगा भी है। भारतीय यात्री इस समय श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार के रास्ते चीन की यात्रा कर रहे हैं जिसके लिए हवाई किराए में भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है।
कोलकाता में चीनी दूत लियू ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीधी हवाई संपर्क शुरू होनी चाहिए और दोनों सरकारों को इस दिशा में काम करना चाहिए। कई भारतीय छात्र अब चीन लौटने के इच्छुक हैं। बता दें कि भारत चीन ने रेस्ट्रिक्टेड फ्लाइट सर्विस के लिए फिर से बातचीत शुरू की है लेकिन कई महीनों से चल रही यह बातचीत बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रही है।
सरकार ने हांगकांग के जरिए यात्रा की दी थी सला
सीधी फ्लाइट नहीं होने से बीते दिनों सरकार ने भारतीय स्टूडेंट्स को हांगकांग के जरिए फ्लाइट लेने की सलाह दी थी। सरकार ने सलाह दी थी कि भारतीय स्टूडेंट्स जो जाना चाहते हैं वह हांगकांग होकर चीन की यात्रा कर सकते हैं। हाल के हफ्तों में काफी स्टूडेंट्स ने चीन जाने के लिए पहले हांगकांग गए हैं फिर यहां से वह चीन पहुंचे हैं। भारत और हांगकांग के बीच सीधी फ्लाइट कनेक्टिविटी है और यहां से रोज उड़ानें है।
भारत कर रहा है बातचीत लेकिन...
भारत और चीन सीमित उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए कई महीनों से बातचीत कर रहे हैं। लेकिन बीजिंग के सख्त नियमों की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पा रही है। सबसे बड़ी बात कि यदि एक यात्री को कोरोना पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट आया तो पूरी उड़ान रद्द होगी। सबसे अहम यह कि चीनी दूतावास सारे यात्रियों की टेस्ट करता है और फिर उड़ान की अनुमति देता है। इसके बाद भी अगर कोरोना पॉजिटिव किसी का आ जाए तो एयरलाइन्स की पूरी फ्लाइट कैंसिल कर कुछ दिनों तक फ्लाइट बैन का खामियाजा भी भुगतना होगा। हालांकि, अन्य देशों के माध्यम से भी यात्रा करने वाले भारतीय यात्रियों को सात दिनों की क्वारंटीन से गुजरना होगा।
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