
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार दोपहर को देश के 42 वें संचार उपग्रह को कम्युनिकेशन सैटेलाइट (CMS-01) की लॉन्चिंग की। कोरोनावायरस (कोविद -19) के प्रकोप के बीच अंतरिक्ष संगठन द्वारा प्रक्षेपित यह दूसरा उपग्रह है। ये उपग्रह आपदा प्रबंधन और इंटरनेट कनेक्टिविटी में मदद करेगा।
7 साल तक काम करेगा सैटेलाइट
यह भारत के जमीनी इलाकों के अलावा अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप को भी कवर करेगा। यह इसरो का इस साल का आखिरी मिशन है। सैटेलाइट 7 साल तक काम करेगा।
PSLV-C50 के जरिए भेजा गया CMS-01
PSLV-C50 के जरिए CMS-01 को 3.41 बजे श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया। यह श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से पीएसएलवी की 52 वीं उड़ान थी। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र को छोड़ने के 20 मिनट बाद PSLV-C50 ने उपग्रह को भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया। CMS-01 ऑर्बिट में GSAT-12 की जगह लेगा। 1,410 किलो वजनी GSAT-12 को 11 जुलाई, 2011 को लॉन्च किया गया था। इसका जीवनकाल आठ साल था।