Omicron : एट रिस्क देशों की हवाई यात्रा रोकने की मांग- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया सेफ्टी का फ्यूचर प्लान

देश में ओमीक्रोन (Omicron) की दस्तक के बीच पहले मरीज के बारे में चर्चाएं हो रही हैं। कहा जा रहा है कि एट रिस्क देशों (At risk) से यात्रा पर फौरन रोक (Travel Ban) लगानी चाहिए, क्योंकि भारत में जो पहला मरीज मिला है वह साउथ अफ्रीका से निगेटिव रिपोर्ट लेकर आया था। उधर, एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि जरूरत पड़ी तो इस पर विचार किया जाएगा।
 

Vikash Shukla | Published : Dec 3, 2021 7:43 AM IST / Updated: Dec 03 2021, 01:35 PM IST

नई दिल्ली। कर्नाटक (Karnataka) में 2 दिसंबर को ओकीक्रोन (Omicron) के दो केस पाए गए। इनमें पहला मरीज दक्षिण अफ्रीका (South africa) से आया था। 66 साल का यह व्यक्ति 20 नवंबर को भारत आया था। उसके पास साउथ अफ्रीका की जो रिपोर्ट थी उसमें वह निगेटिव था, लेकिन भारत में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके 7 दिन बाद वह दुबई चला गया। अब यह बहस का मुद्दा बन गया है कि जब दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर कई देश रोक लगा चुके हैं तो भारत इसे क्यों नहीं रोक रहा। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा मुंबई और तेलंगाना समेत कई राज्य एट रिस्क देशों से यात्रा बंद करने की मांग कर चुके हैं। हालांकि सरकार ने अभी इस पर फैसला नहीं लिया है। 

सिंधिया बोले- जरूरत पड़ने पर लगाएंगे रोक 
शुक्रवार को एक न्यूज चैनल के कार्यकम में केंद्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री (Aviation Minister) ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia) ने कहा कि दुनिया में जीनोम सिक्वेंसिंग के आधार पर इसकी जांच हो रही है, लेकिन हमें इसके लिए सावधान रहना चाहिए। संक्रमण वाले 11 देशों को चिह्नित कर इन देशों से आने फ्लाइट पर विशेष निगरानी की जा रही है। यात्रियों को रैपिड आरटीपीसीर (RT-PCR) करने के बाद एयरपोर्ट से आने दिया जा रहा है। करीब 8.5 हजार यात्रियों का टेस्ट किया गया है। कनेक्टिविटी जरूरी है, तो सेफ्टी और सुरक्षा भी जरूरी है। क्या रिस्क वाले देशों से आने वाली फ्लाइट पर रोक लगाई जा सकती है? इस पर उन्होंने कहा कि अभी ये ऑनगोइंग प्रोसेस है और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। लगातार बदलाव होगा।

साउथ अफ्रीका से आकर दुबई निकल गया था ओमीक्रोन का पहला संक्रमित 
कर्नाटक में जो पहला ओमीक्रोन पॉजिटव व्यक्ति मिला है वह 20 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से निगेटिव रिपोर्ट के साथ भारत पहुंचा था। बेंग्लुरू एयरपोर्ट पर टेस्ट हुआ, जिसमें वह पॉजिटिव निकला। हालांकि, इससे पहले ही वह होटल में चेक इन कर चुका था। उसमें कोई लक्षण नहीं थे, इसलिए उसे होटल में सेल्फ आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई। 22 नवंबर को उसका सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया। मरीज ने 23 नवंबर को प्राइवेट लैब में टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद 27 नवंबर को उसने होटल से चेक आउट किया और दुबई चला गया। देश में अब तक दो केस कर्नाटक में मिले हैं। इनमें से एक 66 और दूसरा 46 साल का है।  

अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर भारत और अन्य देशों की क्या स्थिति 
बड़ी संख्या में देश अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रोक लगा चुके हैं। साउथ अफ्रीका, जिम्बॉब्वे, बोत्सवाना ने सबसे पहले ये कदम उठाया था। सोमवार से, अमेरिका ने भी साउथ अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, नामीबिया, लेसोथो, इस्वातिनी, मोजाम्बिक और मलावी के यात्रियों को संयुक्त राज्य में आने से रोकना शुरू कर दिया है। कनाडा, यूके और यूरोपीय यूनियन के सभी देशों ने साउथ अफ्रीका और इसके पड़ोसी देशों से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी है। जापान ने भी ऐसा कदम उठाया था, लेकिन गुरुवार को उसने ये फैसला वापस ले लिया।  

भारत ने अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा शुरू करने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाला
भारत ने 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय यात्राएं शुरू करने की योजना बनाई थी। लेकिन ओमीक्रोन की वजह से यह नहीं हो सका। लेकिन एयर बबल समझौते के तहत जो उड़ानें चल रही हैं, वे नहीं रोकी गई हैं। सरकार अभी इस पर समीक्षा कर रही है। डब्ल्यूएचओ ने भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं रोकने की बात कही थी, क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान और बड़े वर्ग की आजीविका प्रभावित होती है।

क्या था सरकार का प्लान? 
पिछले हफ्ते शुक्रवार को सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (Ministry of Civil Aviation) ने घेषणा की थी कि 21 महीने बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं फिर से चालू की जा रही हैं। यह 15 दिसंबर से चालू होंगी। इस घोषणा के बाद रिस्क श्रेणी के देशों के साथ फिर से द्विपक्षीय एयर बबल समझौते के के तहत उड़ानें शुरू होनी थीं। इसके मुताबिक एयर बबल समझौते वाले देश जो रिस्क श्रेणी में हैं उनमें 75 फीसदी, बिना एयर बबल समझौते वाले देशों में 50 फीसदी और जो रिस्क की श्रेणी में नहीं हैं, उनमें 100 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं चालू की जानी थीं।  

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