सार
दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता(Air Pollution) बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। इसे लेकर दिल्ली सरकार यूपी, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार मानती रही है। हालांकि यूपी सरकार ने 3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में हुई सुनवाई में दो टूक कहा कि दिल्ली की हवा यूपी ने नहीं; पाकिस्तान ने खराब कर रखी है।
नई दिल्ली. पाकिस्तान पर अकसर आतंकवाद को लेकर आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अब उसे दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के लिए भी दोषी माना जा रहा है। हालांकि इसमें सच्चाई भी है, क्योंकि पाकिस्तान का लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। हालात यह हैं कि पाकिस्तानी सरकार प्रदूषण फैलाने वालों पर ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है। हमारे यहां 3 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वकील रंजीत कुमार ने तर्क दिया कि दिल्ली की तरफ यूपी की ओर से हवा नहीं जा रही है। ये दूषित हवाएं पाकिस्तान से आ रही हैं। इन हवाओं से यूपी खुद परेशान है। इस पर चीफ जस्टिस चीफ जस्टिस एनवी रमना(NV Ramana) ने मजाकिया लहजे में कहा कि तो क्या आप पाकिस्तान के उद्योग बंद करवाना चाहते हैं? (यह तस्वीर लाहौर की है, जहां प्रदूषण ने हालत खराब कर रखी है। फोटो सोर्स-AFP)
लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में लाहौर के टॉपर पर रहने के बाद कमिश्नर रिटायर्ड कैप्टन मुहम्मद उस्मान(Commissioner retired Capt Muhammad Usman) ने पांच स्मॉग रोधी दस्तों(anti-smog squads) का गठन किया है। ये दस्ते दस्ते उद्योगों का दौरा करेंगे और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने जैसी कार्रवाई करेंगे। पर्यावरण संरक्षण विभाग दस्ते का नेतृत्व करेगा और पुलिस के अलावा नगर निगम आदि अन्य विभागों के प्रतिनिधि भी टीमों के सदस्य होंगे। इस बीच स्मॉग रोधी दस्तों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और प्रदूषण फैलाने वाले पायरोलिसिस प्लांट, ईंट भट्टों और अन्य औद्योगिक इकाइयों को सील कर दिया। लाहौर जिला प्रशासन के अनुसार, शहर में 18 पायरोलिसिस प्लांट(pyrolysis plants) हैं। ये प्लास्टिक, इस्तेमाल किए गए टायर, आयरन और हाइड्रोकार्बन के साथ अन्य इस्तेमाल सामान को पिघलाते हैं। एंटी-स्मॉग ने इन संयंत्रों को सील कर दिया और उन्हें काम करने से रोक दिया। हालांकि, चार संयंत्रों ने अपने आप सील तोड़कर काम करना शुरू कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने हटाया अस्पतालों के कंस्ट्रक्शन कार्यों से बैन
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के मामले में 3 दिसंबर को फिर सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों की निर्माण गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दे दी है। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के अपने निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए एक इंफोर्समेंट टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
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