Joshimath sinking: सिर्फ 12 दिन में 5.4 सेंटीमीटर डूबा जोशीमठ, इसरो की सैटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा

इसरो के सैटेलाइट इमेज से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि जोशीमठ तेजी से डूब रहा है। सिर्फ 12 दिन में जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर डूब गया। मध्य जोशीमठ में मिट्टी तेजी से खिसकी है। इस इलाके में सेना का हेलीपैड और एक मंदिर है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2023 7:33 AM IST / Updated: Jan 13 2023, 01:08 PM IST

नई दिल्ली। उत्तराखंड का जोशीमठ तेजी से डूब रहा है। इसके डूबने की रफ्तार का पता इसरो (Indian Space Research Organisation) की सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से चला है। सिर्फ 12 दिनों में जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर डूब गया।

इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा कार्टोसैट-2एस सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों को जारी किया गया। इन तस्वीरों से पता चलता है कि जोशीमठ 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 5.4 सेंटीमीटर डूब गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 जनवरी 2022 को जमीन धंसने की घटना हुई थी। इस घटना से जोशीमठ की जमीन के तेजी से धंसने की शुरुआत हुई।

इसरो की रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य जोशीमठ में मिट्टी तेजी से खिसकी है। इस इलाके में सेना का हेलीपैड और एक मंदिर है। मिट्टी धंसने का केंद्र जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जोशीमठ के डूबने की रफ्तार पिछले महीनों में बहुत कम थी। पिछले साल अप्रैल से नवंबर के बीच जोशीमठ की जमीन नौ सेमी धंस गई थी।

यह भी पढ़ें- जोशीमठ के आसपास नहीं होगा अब कोई कंस्ट्रक्शन, 'दरारों' से खतरे में आए प्राचीन कस्बे को बचाने संघर्ष जारी

राहत शिविरों में पहुंचाए गए 4 हजार लोग
बता दें कि जोशीमठ के करीब 4 हजार लोगों को राहत शिविरों में ले जाया गया है। होटल और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अलावा 678 घर खतरे में हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जोशीमठ का दौरा किया और स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों के साथ बैठकें कीं। उन्होंने कहा कि एक समिति प्रभावित परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे की दर तय करेगी। अभी के लिए प्रत्येक प्रभावित परिवार को 1.5 लाख रुपए दिए जाएंगे। यह केवल एक अस्थायी उपाय है। हम अभी भी मुआवजे की दरों पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आरके सिंह, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की है।

यह भी पढ़ें- जल्द ही AK 203 राइफल से दुश्मनों पर गोलियां बरसाएंगे भारतीय सेना के जवान, जानें क्यों है यह खास

Share this article
click me!