जेपी नड्डा लोकसभा चुनाव 2024 तक बने रह सकते हैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, शाह की तरह बढ़ेगा कार्यकाल

जेपी नड्डा को जुलाई 2019 में बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। अमित शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। बीजेपी सांगठनिक चुनाव के बाद 20 जनवरी 2020 को नड्डा को अमित शाह के बाद नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। नड्डा का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 26, 2022 1:54 PM IST

JP Nadda tenure extension: बीजेपी अध्यक्ष डॉ.जेपी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार मिल सकता है। नड्डा ने देश की सत्ताधारी पार्टी की कमान 2020 में संभाली थी। अमित शाह के बाद उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में डॉ.जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त होने वाला है। लोकसभा आम चुनावों को देखते हुए अप्रैल-मई 2024 तक उनके कार्यकाल को विस्तार दिया जा सकता है। दरअसल, नड्डा पार्टी के शीर्ष चेहरे नरेंद्र मोदी और अमित शाह के विश्वासपात्र माने जाते हैं। 

कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में संभाली थी 2019 में कमान

जेपी नड्डा को जुलाई 2019 में बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। अमित शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। बीजेपी सांगठनिक चुनाव के बाद 20 जनवरी 2020 को नड्डा को अमित शाह के बाद नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। नड्डा का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया।

लगातार दो बार अध्यक्ष रहने का प्राविधान

बीजेपी के संविधान में कोई भी व्यक्ति पार्टी का लगातार दो बार अध्यक्ष रह सकता है। उसका यह कार्यकाल तीन-तीन साल का होगा। एक प्रावधान यह भी है कि कम से कम 50 प्रतिशत राज्य इकाइयों में संगठन के चुनाव होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। लेकिन इस बार आंतरिक चुनाव की कोई प्रक्रिया नहीं होगी। प्रक्रिया अगस्त में शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन पार्टी के नेता राज्य चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। इन चुनावों से निपटने के बाद पार्टी के पास लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर पूरा फोकस रहेगा। ऐसे में किसी अन्य चुनाव के लिए फिलहाल दो साल तक समय नहीं बचेगा। इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार देने का फैसला लिया जा सकता है। 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते ही तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यकाल का भी विस्तार किया गया था।

इन राज्यों में लोकसभा चुनाव के पहले विधानसभा चुनाव

इस साल गुजरात, हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं। जबकि 2023 में यानी अगले ही साल कर्नाटक, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी के पास लोकसभा चुनाव होने तक संगठनात्मक चुनाव पर फोकस करने का समय नहीं है।

यह भी पढ़ें:

राजस्थान में सियासी भूचाल...

गोवा में अवैध ढंग से रहने वालों पर कसा शिकंजा, 20 बांग्लादेशी गिरफ्तार,भेजे जाएंगे वापस अपने देश

नीतीश कुमार ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने का किया आह्वान, बोले-सब साथ होंगे तो वे हार जाएंगे

असम: 12 साल में उग्रवादियों से भर गए राज्य के जेल, 5202 उग्रवादी गिरफ्तार किए गए, महज 1 का दोष हो सका साबित

Read more Articles on
Share this article
click me!