जस्टिस एनवी रमन्ना ने ली 48वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ, 38 साल पहले शुरू की थी वकालत

जस्टिस एनवी रमन्ना ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें शपथ दिलाई। वे सुप्रीम कोर्ट के 48वें चीफ जस्टिस बने। चीफ जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो गए थे।

Asianet News Hindi | Published : Apr 24, 2021 5:59 AM IST / Updated: Apr 24 2021, 11:40 AM IST

नई दिल्ली. जस्टिस एनवी रमन्ना ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें शपथ दिलाई। वे सुप्रीम कोर्ट के 48वें चीफ जस्टिस बने। चीफ जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो गए थे।

 

आंध्र प्रदेश के किसान परिवार में हुआ जन्म
जस्टिस रमन्ना का जन्म आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। रमन्ना ने 10 फरवरी 1983 में वकालत शुरू की। वकील के तौर पर, उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, आंध्र राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण और सुप्रीम कोर्ट में सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, श्रम, सेवा और चुनाव मामलों में संवैधानिक, आपराधिक, सेवा में प्रैक्टिस की। 

जस्टिस रमन्ना का करियर
विभिन्न सरकारी निकायों में काउंसिल के पदों के अलावा वे केंद्र की एडिशनल स्टेंडिंग काउंसिल में,  हैदराबाद में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में रेलवे के लिए स्थायी काउंसिल सदस्य और आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया।

2000 में आंध्र हाईकोर्ट के जज बने
जस्टिस रमन्ना 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश के जज नियुक्त किए गए थे। वे 10 मार्च 2013 को आंध्र प्रदेश में चीफ जस्टिस नियुक्ति किए गए। वे 2 सितंबर 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। इसके बाद वे 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने। 

इन केसों में निभाई अहम भूमिका
जस्टिस रमन्ना ने कुछ अहम मामलों की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच की अध्यक्षता की। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मामलों के ट्रायल में तेजी और जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने  के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान अध्यक्षता की। मार्च 2020 में, उनकी अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बड़ी बेंच पर भेजने की याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

आंध्र के सीएम ने लगाए थे आरोप
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पिछले साल जस्टिस रमन्ना पर राज्य सरकार के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया था। उन्होंने पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि रमन्ना पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू के करीबी हैं। उन्होंने कहा था कि  जस्टिस रमन्ना हाईकोर्ट की सुनवाई को प्रभावित कर रहे हैं। 

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