देश में हिजाब बैन (Hijab Row) का मुद्दा गर्म है। मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद भी स्कूलों में अभिभावक बच्चियों को हिजाब में लेकर पहुंचे। शिक्षकों से बहस भी हुई। इस मुद्दे पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपनी राय दी है। एशियानेट न्यूज ने उनसे कई मुद्दों पर बात की।
पांच राज्यों में चुनाव के बीच हिजाब का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। कर्नाटक से उठा मामला मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इस बीच मुस्लिम समुदाय और तमाम नेता हिजाब पहनने को महिलाओं का अधिकार बता रहे हैं। हाईकोर्ट ने मामले को संवैधानिक बताते हुए फिलहाल स्कूल-कॉलेजों में धार्मिक परिधानाें पर रोक लगा दी है। इन विवादों के बीच एशियानेट न्यूज ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से विशेष बातचीत की। राज्यपाल ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी।
लड़कियों को अच्छा परफॉर्म करते नहीं देखना चाहते
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (kerala governor arif mohammed khan) ने कहा कि हिजाब पर जो विवाद पैदा किया गया है, वो बिल्कुल अनावश्यक है। इसके पीछे साजिश है। साजिश ये है कि भारत में जो नई नस्ल है, उसमें लड़कियां खासतौर से स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी में बहुत अच्छा परफॉर्म कर रही हैं। मुस्लिम बच्चियों की परफॉर्मेंस भी बहुत अच्छी है। यहां एक छोटा तबका है जो पहले तीन तलाक जारी रखना चाहता था वह इस पर चिंता व्यक्त कर रहा है कि कॉलेज जाने वाली मुस्लिम लड़कियों का आचरण ऐसा है जो दीन के लिए खतरा बन रहा है। ये वो माइंडसेट है। इसलिए ये हिजाब की कंट्रोवर्सी पैदा करके कॉलेज-यूनिवर्सिटी की एजुकेशन लड़कियां न हासिल कर सकें। अगर हिजाब पहनकर पढ़ाई कर भी ली तो उन्हें जो नौकरियां मिलनी हैं, उस पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। और ये वापस घर की चहारदीवारी के अंदर कैद हो जाएंगी। आज हमारी बच्चियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं, और भी कई काम पुरुषों से बेहतर कर रही हैं। इसलिए ऐसे अनावश्यक विवादों को खत्म कर देना चाहिए और बच्चों को कहना चाहिए कि वे अपनी शिक्षा की तरफ ध्यान दें। अपनी हालत को बदलने का एक ही तरीका है।
कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद
जनवरी में कर्नाटक के उडुपी में एक स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनने पर स्कूल में प्रवेश देने से इंकार किया गया था। इसके बाद से मामले ने तूल पकड़ा। ये छह लड़कियां स्कूल के गेट पर प्रदर्शन करने लगीं। इसके बाद पूरे प्रदेश में मामला फैल गया। उडुपी के बाद मांड्या के कॉलेज में ऐसा ही मामला सामने आया। प्रदर्शनों के बीच कुछ छात्रों ने भगवा गमछा पहनकर हिजाब का विरोध किया। इसके बाद राज्य की बोम्मई सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर रोक लगा दी। इसके बाद उडुपी की छह छात्राओं की तरफ से कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। गुरुवार 11 फरवरी को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत शिक्षण संस्थानों में धार्मिक परिधान पहनने पर रोक लगा दी। मामले की सुनवाई अभी जारी है।
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