कश्मीर: राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव की कोई जानकारी नहीं

सरकार ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी पर्यटकों को घाटी से लौटने के लिए भी कहा था। सरकार के इस फैसले के बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Aug 3, 2019 8:07 AM IST / Updated: Aug 03 2019, 07:47 PM IST

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है। उन्होंने शनिवार को कहा कि घाटी में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती सुरक्षा कारणों की वजह से हुई है। राज्य सरकार को संवैधानिक प्रावधानों में किसी भी बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है। दरअसल, कश्मीर में हालिया गतिविधियों को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार संवैधानिक प्रावधानों में बदलाव कर आर्टिकल 35-Aऔर आर्टिकल 370 को खत्म कर सकती है।

राजभवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में आए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधित्व मंडल को बता दिया है कि सुरक्षा कारणों के चलते सरकार को ये कदम उठाने पड़े हैं। मलिक ने प्रतिनिधित्व मंडल को बताया कि अमरनाथ यात्रा पर हमले के पर्याप्त सबूत मिले थे। एलओसी पर भी पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की जा रही है।

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अमरनाथ के बाद मचैल माता यात्रा पर भी लगी रोक
अमरनाथ यात्रा के बाद अब सरकार ने जम्मू के किश्तवाड़ जिले में 43 दिन चलने वाली मचैल माता यात्रा पर भी रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर यह यात्रा रोकी है। प्रशासन ने यात्रा शुरू ना करने और जो लोग यात्रा पर हैं, उन्हें जल्द लौटने के लिए कहा है। किश्तवाड़ डिप्टी कमिश्नर अंग्रेज सिंह ने बताया कि सुरक्षा कारणों के चलते यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। यह यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर तक चलनी थी। यहां यात्रा के दौरान देशभर से हजारों श्रद्धालु खूबसूरत पद्दार घाटी को देखने आते हैं। यह जगह नीलम की खानों के लिए भी प्रसिद्ध है। 30 किमी के मुश्किल रास्ते को तय करने के बाद श्रद्धालु किश्तवाड़ के मचैल गांव में दुर्गा माता मंदिर में पूर्जा-अर्चना करते हैं।

सरकार ने अमरनाथ यात्रा से पर्यटकों को लौटने के लिए कहा
इससे पहले शुक्रवार को सरकार ने अमरनाथ यात्रा पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी पर्यटकों को घाटी से लौटने के लिए भी कहा था। सरकार के इस फैसले के बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। इसी के चलते राज्य की राजनीतिक पार्टियां इस फैसले का विरोध कर रहीं हैं। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती समेत कई राजनितिक दलों के प्रतिनिधित्व मंडल ने शुक्रवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात भी की थी। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी राज्यपाल से मुलाकात की। 

कश्मीर को लेकर सरकार की मंशा क्या है- उमर अब्दुल्ला
मुलाकात के बाद अब्दुल्ला ने बताया कि हमने राज्यपाल से पूछा कि हमें बताइए कि घाटी में क्या हो रहा है? हम राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं। यात्रा क्यों खत्म की गई और कश्मीर को लेकर सरकार की मंशा क्या है, इसको लेकर सरकार द्वारा संसद में बयान जारी किया जाए। हमने राज्यपाल से पूछा कि आप कहते हैं कि अफवाह न फैलाएं लेकिन कोई अधिकारी हमें कुछ बताने को तैयार नहीं हो रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें राज्यपाल ने भरोसा दिया है कि राज्य में 370, 35-A या फिर परिसीमन को लेकर कोई फैसला नहीं किया जा रहा।

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