Manipur Violence: साल 2024 मणिपुर के लोगों के लिए काफी परेशान करने वाला रहा। राज्य एक साल से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। लाखों लोग हिंसा की वजह से बेघर और विस्थापित हो चुके हैं। नए साल 2025 के आगाज के पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने पिछले एक साल से जारी जातीय हिंसा और उससे हुई समस्याओं के लिए जनता से माफ करने की अपील की है। दरअसल, राज्य सरकार पर लगातार कानून-व्यवस्था संभाल न पाने का आरोप लगता रहा। पूर्व गवर्नर ने भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर अशांत राज्य की अनदेखी का आरोप सार्वजनिक तौर पर लगाया था।
राज्य की जनता से माफी मांगते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि इस पूरे साल की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रही हैं। मैं राज्य के लोगों से माफी मांगता हूं। 3 मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ, उससे कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और अपने घरों से बेघर हुए। मुझे इसका गहरा खेद है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आशा व्यक्त किया कि राज्य में हालात सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं और 2025 में शांति बहाल हो जाएगी। उन्होंने कहा: पिछले तीन-चार महीनों में शांति की दिशा में प्रगति देखने के बाद मुझे विश्वास है कि मणिपुर में 2025 में सामान्य स्थिति लौट आएगी।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी समुदायों से अपील की कि वे अतीत की गलतियों को भूलकर एक नए और शांतिपूर्ण मणिपुर के निर्माण की ओर कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा: जो हुआ, उसे भूलकर हमें एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर के लिए एक नई शुरुआत करनी चाहिए। मणिपुर की सभी 35 जनजातियों को मिल-जुलकर रहना चाहिए।
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 में हुई जब मेइती समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग की और जिसका कुकी जनजाति ने विरोध किया। इस संघर्ष में अब तक 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। मेइती समुदाय मणिपुर की कुल जनसंख्या का लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नागा और कुकी सहित जनजातीय समुदाय राज्य की 40 प्रतिशत आबादी का हिस्सा हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में बसते हैं।
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