ईडी का आरोप-शराब घोटाले में इस्तेमाल किए गए 1.38 करोड़ रुपए के 170 मोबाइल फोन, मनीष सिसोदिया ने बदले 14 फोन

ईडी ने दिल्ली के एक कोर्ट में आरोप लगाया है कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू करने और वापस लेने के दौरान 14 फोन इस्तेमाल किए और बदले। उन्होंने सबूतों को नष्ट किया। 

नई दिल्ली। दिल्ली लिकर पॉलिसी स्कैम (Delhi liquor policy case) में हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी (Enforcement Directorate) ने बुधवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 14 मोबाइल फोन बदले और सबूत नष्ट किए। ईडी ने अन्य आरोपियों पर भी यह आरोप लगाया। ईडी ने कहा कि शराब घोटाले में 1.38 करोड़ रुपए के 170 मोबाइल फोन इस्तेमाल किए गए।

दिल्ली के कारोबारी अमित अरोड़ा को बुधवार को गिरफ्तार कर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने कोर्ट में बताया कि मनीष सिसोदिया ने 14 और अमित अरोड़ा ने 11 फोन इस्तेमाल किए और बदले। ईडी ने कोर्ट को बताया कि ये फोन कथित शराब घोटाले की अवधि के दौरान इस्तेमाल किए गए थे। ईडी ने मनीष सिसोदिया और अमित अरोड़ा पर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया।

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ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि शराब घोटाला में शामिल शराब कारोबारी, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, दिल्ली के आबकारी मंत्री (मनीष सिसोदिया) और अन्य संदिग्धों ने 170 मोबाइल फोन बदले। इन लोगों ने सबूत नष्ट करने के लिए लगभग 1.38 करोड़ रुपए खर्च किए। 

170 फोन में से 17 को ईडी ने किया रिकवर
ईडी ने कहा कि हजारों करोड़ रुपए के इस घोटाले के कमीशन से संबंधित सबूत नष्ट कर दिए गए। शराब घोटाले के दौरान इस्तेमाल होने वाले 170 फोन नष्ट किए गए। एजेंसी इन 170 फोन में से 17 को रिकवर करने में कामयाब रही। इन फोन्स में भी डेटा डिलीट या फॉर्मेटेड पाया गया। 

ईडी को अमित अरोड़ा की 7 दिन की हिरासत मिली
कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाले की जांच के सिलसिले में व्यवसायी अमित अरोड़ा को 7 दिन की हिरासत में ईडी को सौंपा है। उन्हें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी बताया जाता है। कोर्ट में ईडी ने कहा कि अमित अरोड़ा ने एलवन थोक व्यापारी से 2.5 करोड़ रुपए रिश्वत लिया था। यह पैसा आप नेता विजय नायर को भुगतान किया जाना था। 

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महादेव लिकर कंपनी के मालिक 6% किकबैक देने के लिए तैयार नहीं थे। इसके चलते अप्रैल-मई 2022 में अमित अरोड़ा ने पंजाब सरकार और दिल्ली सरकार की मदद से महादेव लिकर को परेशान किया। उन्हें अपनी कंपनियों और अपना लाइसेंस सरेंडर करने के लिए मजबूर किया गया। अमित अरोड़ा ने बताया था कि अगर महादेव शराब होल सेल मार्जिन की 6 फीसदी राशि (यानी 12 फीसदी) रिश्वत के तौर पर नहीं चुकाते हैं तो उनकी फैक्ट्रियों को पंजाब आबकारी विभाग द्वारा बंद कर दिया जाएगा। बाद में पंजाब के आबकारी अधिकारियों के मौखिक आदेशों से वास्तव में कारखाने बंद कर दिए गए।

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