कोरोना के बढ़ते खतरे को देख कर्नाटक सरकार ने मास्क किया अनिवार्य, रात 1 बजे तक मना सकते हैं नए साल का जश्न

कर्नाटक सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। नए साल का जश्न रात एक बजे तक मनाया जा सकेगा। कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की संख्या उपलब्ध सीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

Asianet News Hindi | Published : Dec 26, 2022 11:11 AM IST / Updated: Dec 26 2022, 04:43 PM IST

बेंगलुरु। कोरोना के बढ़ते खतरे को देख कर्नाटक सरकार ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। सोमवार को राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की। सरकार ने फैसला किया है कि नए साल के अवसर पर रात 1 बजे तक जश्न मनाया जा सकेगा। 

नई गाइडलाइन के अनुसार कर्नाटक में रेस्तरां, पब, थिएटर हॉल, स्कूल और कॉलेज जैसी बंद जगहों के अंदर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। भीड़भाड़ वाली खुली जगहों पर भी मास्क पहनना अनिवार्य है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। हम अभी कोरोना को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं। 

राज्य सरकार ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को भीड़भाड़ वाली जगह जाने से जरूर बचना चाहिए। अगर किसी बंद जगह पर किसी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है तो उसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या उपलब्ध सीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे एहतियाती उपाय
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपायों को आम लोगों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किए बिना चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने कोरोना महामारी पर चर्चा की है। सरकार ने लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने, टीकाकरण में तेजी लाने, इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लिए टेस्ट और तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्यों से परामर्श करने का फैसला किया है। 

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कोरोना संक्रमण रोकने की है पूरी तैयारी
स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण रोकने की पूरी तैयारी है। उपायुक्त, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला निगरानी अधिकारी और विशेषज्ञ समिति के सदस्यों को सभी जिलों में कोविड प्रबंधन की देखरेख करने का जिम्मा दिया गया है। आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड, ऑक्सीजन क्षमता और मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और कर्मचारियों में दो साल पहले की तुलना में काफी वृद्धि की गई है। यह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त होगा।

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