एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद राज्यपाल झुंझुनूं में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि किसानों के साथ ज्यादती हो रही है। वो 10 महीने से पड़े हैं, उन्होंने घर बार छोड़ रखा है, फसल बुवाई का समय है और वे अब भी दिल्ली में पड़े हैं, सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए।
झुंझुनूं। कृषि कानूनों ( Farm Laws) को रद्द करने के लिए चलाए जा रहे किसान आंदोलन के समर्थन में मेघालय (Meghalaya) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) खुलकर सामने आ गए हैं। किसानों के लिए उन्होंने पद तक छोड़ने की बात कह दी है। गवर्नर सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों की नहीं सुनी गई तो फिर यह केंद्र सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने साफ कहा कि लखीमपुर खीरी कांड के दिन ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का इस्तीफा हो जाना चाहिए था। वह व्यक्ति मंत्री होने के लायक ही नहीं है।
जिनकी सरकार होती है उनका मिजाज थोड़ा आसमान में पहुंच जाता
एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद राज्यपाल झुंझुनूं में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि किसानों के साथ ज्यादती हो रही है। वो 10 महीने से पड़े हैं, उन्होंने घर बार छोड़ रखा है, फसल बुवाई का समय है और वे अब भी दिल्ली में पड़े हैं, सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए।
हालांकि, राज्यपाल श्री मलिक ने यह भी कहा, 'जिनकी सरकारें होती हैं उनका मिजाज थोड़ा आसमान में पहुंच जाता है। उन्हें यह दिखता नहीं है कि इनकी तकलीफ कितनी है, लेकिन वक्त आता है जब उन्हें देखना भी पड़ता है और सुनना भी पड़ता है। अगर किसानों की नहीं मानी गई तो यह सरकार दोबारा नहीं आएगी।'
किसानों के साथ खड़ा हूं, जरूरत पड़ी तो पद भी छोड़ दूंगा
राज्यपाल का पद छोड़कर उनके साथ खड़ा होने के लिये अगर उन्हें कहा जाये तो ? तो राज्यपाल ने कहा, 'मैं तो खड़ा ही हूं उनके साथ, पद छोड़ने की उसमें कोई जरूरत नहीं है, जब जरूरत पडे़गी तो वो भी छोड़ दूंगा.. लेकिन मैं उनके साथ हूं। उनके लिये मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सबसे झगड़ा कर चुका हूं। सबको कह चुका हूं कि यह गलत कर रहे हो यह मत करो।'
मेरे मेरठ में तो बीजेपी नेता कहीं नहीं जा पा रहे
यूपी में विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन का प्रभाव पड़ेगा? इसके जवाब में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा यह तो यूपी वाले बताएं कि प्रभाव पड़ेगा कि नहीं, मैं तो मेरठ का हूं मेरे यहां तो कोई भाजपा का नेता किसी गांव में घुस नहीं सकता है। मेरठ, बागपत, मुज्जफरनगर में घुस नहीं सकते है।'
मैं मध्यस्थता को तैयार
राज्यपाल ने कहा कि मुझे तो कोई कहे तो मैं किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता को तैयार हूं। किसान तो तैयार हैं लेकिन सरकार माने तब न। किसानों को तो एमएसपी की गारंटी चाहिए लेकिन सरकार के इर्दगिर्द कुछ लोग हैं जो गलत सलाह देकर बरगलाए हुए हैं।
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