सार

उद्घाटन समारोह के बाद पीएम मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। यह जनसभा कुशीनगर जनपद के बरवा फार्म पर आयोजित है। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए पूर्वांचल में पीएम मोदी की यह पहली जनसभा होगी।

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सर्किट (International Buddhist circuit)को जोड़ने के लिए कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Kushinagar International Airport) का उद्घाटन 20 अक्टूबर को किया जाएगा। पीएम मोदी (PM Modi) इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। पहली फ्लाइट श्रीलंका (Sri Lanka) से आ रही है। इस फ्लाइट से श्रीलंका के राष्ट्रपति अपने सहयोगियों और बौद्ध भिक्षुओं का 125 सदस्यीय डेलीगेशन लेकर महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली पहुंच रहे हैं। पहली फ्लाइट कोलंबों से भारत के कुशीनगर इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर उतरेगी। 

बरवा फार्म में जनसभा को सभी संबोधित करेंगे पीएम

उद्घाटन समारोह के बाद पीएम मोदी एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। यह जनसभा कुशीनगर जनपद के बरवा फार्म पर आयोजित है। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए पूर्वांचल में पीएम मोदी की यह पहली जनसभा होगी। उद्घाटन समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि मौजूद रहेंगे।

260 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है इंटरनेशनल एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल बिल्डिंग को 260 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। यह करीब 3600 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला है। इस टर्मिनल को करीब 300 यात्रियों के लिए फर्निश किया गया है। यहां घरेलु और अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरा जा सकेगा। 

कुशीनगर का है अंतरराष्ट्रीय महत्व

महात्मा बुद्ध ने कुशीनगर जनपद में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। यह बौद्ध सर्किट का केंद्र भी है। यहां आने वाला श्रद्धालु या पयर्टक लुंबिनी, सारनाथ और गया जैसे तीर्थस्थलों पर भी जाता है या जाने की इच्छा रखता है। सीधी हवाई रूट्स न होने की वजह से तमाम पर्यटकों को असुविधा भी होती रही है। लेकिन कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने से बौद्ध सर्किट की यात्रा आसान होगी। हवाई अड्डा देश और विदेश से बौद्ध धर्म के अधिक अनुयायियों को कुशीनगर में आकर्षित करने में मदद करेगा और बौद्ध थीम आधारित सर्किट के विकास को बढ़ाएगा। साथ ही बौद्ध सर्किट के लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली की यात्रा कम समय में पूरी होगी।

बौद्ध देशों के पर्यटक भी यहां आसानी से सीधे आ सकेंगे

कुशीनगर हवाई अड्डे के उद्घाटन से दुनिया के विभिन्न हिस्सों के तीर्थयात्रियों को इस क्षेत्र के विभिन्न बौद्ध स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी। दक्षिण एशियाई देशों के साथ सीधी एयर कनेक्टिविटी श्रीलंका, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन, थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर आदि से आने वाले पर्यटकों के लिए कुशीनगर पहुंचना आसान तो होगी ही साथ ही बौद्ध सर्किट भी वह घूम सकेंगे। इस एयरपोर्ट के शुरू होने से बौद्ध सर्किट के पर्यटन उद्योग में बीस प्रतिशत की वृद्धि के आसार हैं। 

कुशीनगर में लोकल व्यवसाय में भी होगी वृद्धि

कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। यह होटल व्यवसाय, पर्यटन एजेंसियों, रेस्तरां आदि को बढ़ावा देकर हॉस्पिटॉलिटी इंडस्ट्री पर कई गुना प्रभाव डालेगा। यह फीडर परिवहन सेवाओं, स्थानीय गाइड नौकरियों आदि में अपार अवसरों को खोलकर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगा। 

बौद्ध सर्किट का हो सकेगा विकास

कुशीनगर में हवाई अड्डे के विकास से कुशीनगर को बौद्ध तीर्थयात्रा के चार प्रमुख स्थानों में से एक के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। यह कुशीनगर को बौद्ध सर्किट के हिस्से के रूप में प्रमुखता प्रदान करने में मदद करेगा। इससे भारत का मूल बौद्ध केंद्र के रूप में विकास होगा और दुनिया भर में बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का प्रसार होगा।

दरअसल, हवाई अड्डे के पास लगभग 10-15 जिले हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के पश्चिमी / उत्तरी भाग की बड़ी प्रवासी आबादी के लिए यह हवाई अड्डा एक बेहतर विकल्प देने जा रहा है। इससे केला, स्ट्रॉबेरी और मशरूम जैसे बागवानी उत्पादों के निर्यात के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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