साइबर क्रिमिनलों (Cyber Criminals) ने ठगी का नया तरीका खोज लिया है। वे लोगों को ओमीक्रोन वैरिएंट (Omicron Variant) का पता लगाने की मुफ्त जांच का लालच देकर अपना शिकार बना रहे हैं।
नई दिल्ली। देश में ओमीक्रोन (Omicron) के मामलों की संख्या 1,200 तक पहुंच गई है। बढ़ते मामलों के बीच साइबर क्रिमिनलों ने ठगी का नया तरीका खोज लिया है। वे लोगों को ओमीक्रोन वैरिएंट का पता लगाने की मुफ्त जांच का लालच देकर अपना शिकार बना रहे हैं। गृह मंत्रालय (MHA) ने इस संबंध में शुक्रवार को एक एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि लोगों को Covid-19 के Omicron वैरिएंट का पता लगाने के लिए नि: शुल्क टेस्ट की पेशकश की जा रही है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
MHA के साइबर और सूचना सुरक्षा विभाग ने अपनी एडवायजरी में लिखा है कि - अभी हमारा ध्यान स्वास्थ्य संकट पर अधिक है। ऐसे में साइबर अपराधी साइबर सुरक्षा कम होने का फायदा उठा रहे हैं। ऐसे अपराधी लोगों को ठगने के नए-नए तरीके खोजते रहते हैं। इसी क्रम में अआजकल ओमीक्रोन वैरिएंट थीम वाले साइबर अपराध हर दिन बढ़ रहे हैं। इसमें कहा गया है कि साइबर क्रिमिनल्स भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए कोविड 19 की बदलती स्थितियों का फायदा उठा रहे हैं।
Omicron का पता लगाने का कर रहे दावा
इसमें बताया गया है कि धोखेबाज RT-PCR और ओमीक्रोन का पता लगाने के लिए फ्री जांच कराने संबंधी लिंक भेज रहे हैं। इनके ईमेल देखने में सरकारी या निजी स्वास्थ्य सेवाओं की तरह दिखते हैं। यह धोखेबाज लोगों को मैसेज और ईमेल के साथ लिंक भेजते हैं, जिन पर Covid-19 और Omicron का पता लगाने वाले फ्री टेस्ट करने के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं। लिंक पर क्लिक करते ही आपकी तमाम गोपनीय जानकारी इनके पास पहुंच जाती है और आप इनका शिकार बन सकते हैं।
डोमेन और यूआरएल की जांच कर शेयर करें लिंक
सरकार ने लोगों को सलाह दी कि वे वेबसाइटों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए डोमेन नेम और यूआरएल की जांच करें और साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल पर ऐसी किसी भी घटना की रिपोर्ट करें।
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