केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कृषि बिलों को लेकर चल रहे विवाद के बीच इन बिलों को किसानों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि ये बिल किसानों को उनकी फसल को स्वतंत्र रूप से कहीं भी बेचने की अनुमति देता है, उनकी भूमि को सुरक्षित करता है। ये बिल व्यापारियों को फसल बेचने के तीन दिन के भीतर किसानों को भुगतान करने के लिए भी बाध्य करता है।
नई दिल्ली. कृषि बिलों को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को इन बिलों को किसानों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि ये बिल किसानों को उनकी फसल को स्वतंत्र रूप से कहीं भी बेचने की अनुमति देता है, उनकी भूमि को सुरक्षित करता है। ये बिल व्यापारियों को फसल बेचने के तीन दिन के भीतर किसानों को भुगतान करने के लिए भी बाध्य करता है। स्मृति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने छह वर्षों के कार्यकाल में पीएम के रूप में राष्ट्र हित में काम किया है, न कि राजनीतिक लाभ के लिए। 2014 और 2019 में, मोदी जी ने भारत को बिचौलियों से मुक्त कराने का वादा किया था तो अब विपक्ष इन विधेयकों का विरोध क्यों कर रहा है।
10 साल तक कांग्रेस ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं की
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा कि सत्ता में रहते हुए साल 2004 से 2014 तक 10 सालों में कांग्रेस ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं की। मोदी सरकार ने रिपोर्ट लागू की और 1.5 गुना अधिक एमएसपी किसानों को दिया। किसान सम्मान निधि योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी। इससे यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
उधर कांग्रेस ने संसद परिसर में निकाला मार्च
विपक्षी दलों के सांसदों ने बुधवार को कृषि बिलों के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन कर मार्च निकाला। मार्च के दौरान सभी विपक्षी सांसदों ने किसान बचाओ, मजदूर बचाओ के पोस्टर हाथों में लिए नारे लगाए। इससे पहले, विपक्ष ने लगातार तीसरे दिन संसद के उच्च सदन राज्यसभा और निचले सदन लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया था।