IT कैपिटल बेंगलुरु वाले रहें Alert, क्योंकि खतरे के बादल अभी छंटे नहीं, जानिए और कहां है भारी बारिश का अलर्ट

आईटी कैपिटल बेंगलुरु से अभी बाढ़ का खतरा टला नहीं है। मौसम विभाग ने यहां 3-4 दिनों में फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इधर, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 8, 2022 12:53 AM IST / Updated: Sep 08 2022, 06:25 AM IST

मौसम डेस्क. सितंबर में भी कई राज्यों में मानसून मेहरबान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) पहले ही सितंबर अच्छी बारिश का पूर्वानुमान जता चुका था। मौसम विभाग ने आजकल में केरल, कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश यह साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। वहीं, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं, बेंगलुरु में अभी खतरा टला नहीं है।

इन राज्यों में भारी, हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आजकल में बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पश्चिमी हिमालय, गंगीय पश्चिम बंगाल, दक्षिण गुजरात और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है।

बीते दिन इन राज्यों में हुई बारिश
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, पिछले दिनों कर्नाटक, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। कर्नाटक के शेष हिस्सों, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। गुजरात के पश्चिमी हिमालय उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई।मध्य प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और असम में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई।

ओडिशा में बारिश और बाढ़ से 14,000 से अधिक घर डैमेज
अगस्त के दूसरे और तीसरे सप्ताह में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ से ओडिशा के 30 जिलों में से 24 जिलों में 14,235 घर और 1.26 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। अंगुल, बरगढ़, बौध, नयागढ़, संबलपुर, सुबरनपुर, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, खुर्दा, पुरी, भद्रक, बालासोर, भद्रक, जाजपुर, क्योंझर, मयूरभंज, बोलंगीर, झारसुगुड़ा, कालाहांडी, कंधमाल, कोरापुट, नबरंगपुर, नुआपाड़ा और सुंदरगढ़ जिलों में बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है। विभिन्न जिला कलेक्टरों द्वारा सम्मिट की गई आकलन रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ से 1,26,235 हेक्टेयर कृषि भूमि में 33 प्रतिशत या उससे अधिक की फसल का नुकसान हुआ है। इस बीच, स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) के प्रावधान के तहत राज्य सरकार ने मकान मरम्मत, कृषि इनपुट, मछली पकड़ने की नाव की मरम्मत और अन्य गतिविधियों के लिए सहायता देने के लिए 128.58 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। राहत कार्यों के लिए राज्य पहले ही जिलों को 99.92 करोड़ रुपये मंजूर कर चुका है। 

बेंगलुरू में फिर भारी बारिश की संभावना
बेंगलुरू के कुछ हिस्सों में बुधवार को बाढ़ का पानी कम हो गया, लेकिन आईटी राजधानी  के लिए सबसे खराब स्थिति अभी खत्म नहीं हुई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 8-9 सितंबर को और आंतरिक कर्नाटक में 9-10 सितंबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की भविष्यवाणी की गई है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र(cyclonic circulation lies) आंतरिक कर्नाटक और पड़ोस पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) से पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी से लेकर रायलसीमा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तक उत्तरी केरल तक जाती है।

जहां एक्सपर्ट ने आईटी राजधानी में बाढ़ के लिए तूफानी जल निकासी( stormwater drain) और जल निकायों(water bodies ) पर अतिक्रमण को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके कारण बारिश का पानी निकल नहीं सका, वहीं अतिरिक्त बारिश ने भी हालात बिगाड़े। IMD के आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार दिनों में 251.4 मिमी बारिश दर्ज की, जिसमें रविवार को 131.6 मिमी बारिश शामिल है, जो 34 वर्षों में सितंबर में 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा है। इससे पहले, 26 सितंबर, 2014 को 132.6 मिमी का अनुमान लगाया गया था। IMD के सीनियर साइंटिस्ट आरके जेनामणि ने कहा कि 12 सितंबर, 1988 को अब तक की सबसे अधिक 177.6 मिमी बारिश हुई थी।

यह भी पढ़ें
आईटी हब बेंगलुरू के हालात हुए बदतर: लग्जरी बेंटली, BMW पानी में डूबे, ट्रैक्टर-ट्राली सहारा
Bengaluru Flood: बाढ़ से बचने 23 साल की लड़की ने लिया खंभे का सहारा, करंट लगते ही तड़प-तड़प कर तोड़ा दम

 

Share this article
click me!