दिल्ली से भी बदतर हुई मुंबई की हवा, घने कोहरे के चलते 50 मीटर आगे देखना बंद, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

अभी तक देश में दिल्ली ही वायु प्रदूषण(air pollution) की समस्या से सबसे अधिक ग्रस्त मानी जा रही थी, लेकिन अब मुंबई ने उसे पीछे छोड़कर एक नई चिंता का जन्म दे दिया है। मुंबई के कई इलाकों में AQI दिल्ली से भी खराब दर्ज की गई है। मुंबई का आसमान बुधवार को लगातार तीसरे दिन घने स्मॉग से घिरा रहा। 

Amitabh Budholiya | Published : Dec 8, 2022 6:45 AM IST / Updated: Dec 08 2022, 12:16 PM IST

मुंबई. अभी तक देश में दिल्ली ही वायु प्रदूषण(air pollution) की समस्या से सबसे अधिक ग्रस्त मानी जा रही थी, लेकिन अब मुंबई ने उसे पीछे छोड़कर एक नई चिंता का जन्म दे दिया है। मुंबई के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स( Air Quality Index-AQI) रीडिंग दिल्ली से भी खराब दर्ज की गई है। मुंबई का आसमान बुधवार को लगातार तीसरे दिन घने स्मॉग से घिरा रहा, क्योंकि यहां का AQI लगभग दिल्ली के स्तर तक पहुंच गया था। जबकि सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने मुंबई का AQI 306 दर्ज किया था, जबकि यह दिल्ली में 309 था। हालांकि ये दोनों ही बहुत खराब कैटेगरी में आते हैं। मुंबई में सोमवार(5 दिसंबर) से बेहद खराब AQI दर्ज किया जा रहा है। एक्सपर्ट इसके लिए कंस्ट्रक्शन वर्क और वर्तमान मौसम की स्थिति को जिम्मेदार ठहरा रहे है। पढ़िए डिटेल्स...


मुंबई का एयर-क्वालिटी इंडेक्स (AQI) आधिकारिक तौर पर अब दिल्ली से भी बदतर है। SAFAR डैशबोर्ड में देखी गई रीडिंग ने मुंबई की समग्र AQI को 315 के रूप में दिखाया है। इसे 'बहुत खराब' माना जाता है; जबकि आज सुबह(8 दिसंबर) दिल्ली का एक्यूआई 263 रहा। यह भी बहुत खराब कैटेगरी में आता है।

SAFAR के साइंटिस्ट और प्रोग्राम डायरेक्टर गुफरान बेग कहते हैं-“मुंबई में मौसम स्थिर है और हवा की गति धीमी है। इसके पीछे मुंबई मेट्रो और तटीय सड़क परियोजनाओं(coastal road projects) के कंस्ट्रक्शन वर्क माना जा रहा है। उत्खनन और लिफ्टिंग वर्क( Excavations and lifting works) भी हो रहे हैं। इससे हवा में धूल के कणों का उत्सर्जन( dust particulate matters in the air) होता है। धीमी हवा की गति के कारण, पार्टिकुलेट मैटर लंबे समय तक निचले वातावरण(lower atmosphere) में बने रहते हैं। इससे जिससे वायु की गुणवत्ता प्रभावित होती है।"


गुफरान बेग के अनुसार, दिवाली के बाद मुंबई का एक्यूआई काफी गिर गया था। हालांकि, हवा के पैटर्न में बदलाव के बाद यह जल्द ही ठीक हो गया। बेग ने कहा कि एक द्विपीय शहर(Island city) होने के नाते मुंबई का एक्यूआई मुख्य रूप से हवा की गति पर निर्भर करता है। बेग ने आगे कहा कि इसके अलावा हवा के पैटर्न में कोई उलटफेर नहीं हुआ है, जिसके कारण शहर खराब AQI दर्ज कर रहा है। आमतौर पर हवा के पैटर्न में उलटफेर समुद्र के कारण दिल्ली की तुलना में मुंबई में अक्सर होता है। हवा की गति बढ़ने के बाद ही पार्टिकुलेट मैटर्स फैलते हैं।

मुंबई के कई इलाकों में बुधवार को दिल्ली से भी खराब एक्यूआई दर्ज किया गया। मझगांव ने 381 के एक्यूआई की सूचना दी, इसके बाद मलाड (323), कोलाबा और बीकेसी (309), अंधेरी (303), भांडुप (280), चेंबूर (266), वर्ली (190) और बोरीवली (173) का स्थान रहा।


इस समस्या के निवारण के लिए एक्सपर्ट्स ने कहा कि शहर में धूल-निवारक नीति( dust-mitigation policy) लागू करने की जरूरत है। NGO आवाज फाउंडेशन(NGO Awaaz foundation) की सुमैरा अब्दुलाली ने कहा कि मौजूदा स्थिति पूरी तरह से मानव निर्मित(manmade) है। उन्होंने कहा-“मुंबई के भौगोलिक फायदे हैं, जो दिल्ली के पास नहीं हैं, क्योंकि दिल्ली एक लैंडलॉक राज्य है। मुंबई एक द्विपीय शहर है, फिर भी हमने ऊंची-ऊंची इमारतें बनाकर हवा के सुचारू प्रवाह को बाधित किया है। अब अवैज्ञानिक तरीके से निर्माण कार्य हो रहे हैं। धूल-शमन नीति पहले से ही मौजूद है। हालांकि, इसे लागू करने की जिम्मेदारी शहरी स्थानीय निकायों की है और अक्सर वे संसाधनों को बचाने के लिए नियमों को लागू करने से बचते हैं।"

बता दें कि मुंबई नगर निगम ने क्या करें और क्या न करें का उल्लेख करते हुए एक विस्तृत नोटिफिकेशन जारी किया है। इस बीच, एक्यूआई में बदलाव के चलते एन-95 मास्क की डिमांड बढ़ गई है। सुबह, स्मॉग के कारण मुश्किल से 50 मीटर आगे नहीं दिखाई देता है। 

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