भारत और स्वीडन के अलावा, जो अन्य देश इस पहल का हिस्सा हैं, उनमें अर्जेंटीना, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन शामिल हैं।
नई दिल्ली. केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि विश्व के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करने वाले उद्योगों को कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में मदद करने के वास्ते संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भारत और स्वीडन के नेतृत्व में एक नये समूह की घोषणा की गई है।
भारत और स्वीडन के अलावा, जो अन्य देश इस पहल का हिस्सा हैं, उनमें अर्जेंटीना, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कई कंपनियां भी इस समूह का एक सक्रिय हिस्सा हैं।
मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस वैश्विक पहल को विश्व आर्थिक मंच, मिशन इनोवेशन, स्टॉकहोम पर्यावरण संस्थान और यूरोपीय जलवायु फाउंडेशन का समर्थन हासिल है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जायेगा कि भारी उद्योग और कंपनियां पेरिस समझौते के लिए व्यावहारिक मार्ग बना सकें।
(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)