इस बार भी वही बही खाता, लाल झोले में आम बजट, सरकार ने क्यों बंद किया सूटकेस का इस्तेमाल

Published : Feb 01, 2020, 10:09 AM ISTUpdated : Feb 01, 2020, 10:13 AM IST
इस बार भी वही बही खाता, लाल झोले में आम बजट, सरकार ने क्यों बंद किया सूटकेस का इस्तेमाल

सार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2020 पेश करने वाली हैं। इससे पहले सामने आई तस्वीरों में दिखा कि इस बार भी पहले की तरह लाल रंग के कपड़े में बजट पेश किया जाएगा। कपड़े के ऊपर भारत सरकार का चिह्न भी होता है। 

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2020 पेश करने वाली हैं। इससे पहले सामने आई तस्वीरों में दिखा कि इस बार भी पहले की तरह लाल रंग के कपड़े में बजट पेश किया जाएगा। कपड़े के ऊपर भारत सरकार का चिह्न भी होता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने लाल कपड़ों वाले बैग के बारे में बताया था कि यह भारतीय परंपरा है। यह पश्चिमी विचारों की गुलामी से निकलने का प्रतीक है। यह बजट नहीं बही खाता है।

लाल रंग के सूटकेस की क्या कहानी है?
1860 में ब्रिटे ने चांसलर ऑफ द एक्सचेकर चीफ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन ने पहली बार भारत का बजट पेश किया था। उस वक्त उन्होंने अपने पेपर्स को रखने के लिए एक सूटकेस का इस्तेमाल किया था। यहीं से सूटकेस की परंपरा की शुरुआत हुई।

पेपर्स पर बिर्टेन की क्वीन का गोल्ड मोनोग्राम
बजट के पेपर्स पर ब्रिटेन की क्वीन का गोल्ड मोनोग्राम होता था। क्वीन ने बजट पेश करने के लिए यह सूटकेस खुद ग्लैडस्टन को दिया था। ब्रिटेन का रेड ग्लैडस्टन बजट बॉक्स साल 2010 तक चलन में था। बाद में यह सूटकेस इतना खराब हो गया था कि इसे म्यूजियम में रख दिया और उसकी जगह एक फ्रेश रेड लेदर बजट बॉक्स का इस्तेमाल किया जाने लगा। 

आजाद भारत में बजट की शुरुआत 
आजाद भारत में बजट बैग की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 26 नवंबर 1947 को पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी ने बजट पेश किया था। उनके हाथ में वही लाल रंग का सूटकेस था। 1998-99 के बजट के दौरान वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने काले रंग के चमड़े के बैग को पट्टियों और बकल के साथ प्रचलन में लेकर आये। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 1991 में अपने प्रसिद्ध बजट के दौरान एक सादे काले रंग के बैग को प्रथमिकता दी और उसी में बजट लेकर आए। 

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