LAC पर चीन के साथ तनातनी के बीच इंडियन एयरफोर्स को मिला आखिरी राफेल, 36 विमानों की डिलीवरी हुई पूरी

भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा किया था। फ्रांस ने सभी 36 विमानों की आपूर्ति कर दी है। गुरुवार को 36वां राफेल विमान भारत पहुंचा।  29 जुलाई 2020 को फ्रांस से राफेल विमानों का पहला बैच भारत पहुंचा था।

नई दिल्ली। एलएसी (Line of Actual Control) पर चीन के साथ तनातनी के बीच भारत को फ्रांस से आखिरी राफेल विमान मिल गया है। भारत ने फ्रांस से 36 राफेल फाइटर प्लेन खरीदने का सौदा हुआ था। फ्रांस द्वारा 36 विमानों की डिलीवरी पूरी हो गई है। गुरुवार को फ्रांस से आए आखिरी राफेल विमान ने भारत में लैंडिंग की। इस खुशी में भारतीय वायुसेना द्वारा ट्वीट किया गया कि पैक पूरा हो गया है।

 

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चीन से मिल रही चुनौती को देखते हुए भारत ने राफेल विमानों को हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर तैनात किया है। 29 जुलाई 2020 को फ्रांस से राफेल विमानों का पहला बैच भारत पहुंचा था। IAF ने राफेल विमानों को उच्चतम मानकों पर अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। उन्हें इंडिया स्पेसिफिक एन्हांसमेंट से लैस किया गया है।

4.5  जेनरेशन का विमान है राफेल
बता दें कि राफेल 4.5 जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। यह लंबी दूरी तक हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइलों से लैस है। इस विमान के पास एडवांस्ड रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएं हैं। फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने इसे बनाया है। कंपनी विमान के रख-रखाव में भी भारत की मदद करेगी।

राफेल से बढ़ी भारत की ताकत
राफेल के आने से भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ी है। दो इंजन वाला यह विमान कई तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। ग्राउंड अटैक, सी अटैक, हवा में दूसरे विमान से लड़ाई, जासूसी और परमाणु हमला जैसे मिशन को यह अंजाम दे सकता है। राफेल लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने वाले मेट्योर मिसाइल से लैस है। इसके चलते इसे चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से बढ़त हासिल है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाले हैमर मिसाइल लेकर उड़ता है, जिससे भारतीय वायु सेना की बालाकोट जैसे हमले करने की क्षमता बढ़ गई है।

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राफेल विमान को हवा से हवा में मार करने वाले मेट्योर, माइका, मैजिक, साइड वाइंडर, ASRAAM और ARMAAM मिसाइल से लैस किया जा सकता है। जमीन पर हमला करने के लिए यह अपाचे, AS30L, ALARM, HARM, Maverick और PGM100 मिसाइल का इस्तेमाल करता है। समुद्र में मौजूद युद्धपोत को निशाना बनाने के लिए यह Exocet/AM39, Penguin 3 और Harpoon एंटी शिप मिसाइल दागता है। राफेल में एक 30mm का तोप भी लगा है जो  2,500 राउंड प्रति मिनट की रफ्तार से फायर करता है। राफेल में RBE2 पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड राडार लगा है। यह एक बार में आठ टारगेट को ट्रैक कर सकता है।

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