भाजपा सांसद ने राज्यसभा में पेश किया समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक, विरोध में विपक्ष ने उठाई आवाज

भारतीय जनता पार्टी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को राज्यसभा में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) विधेयक पेश किया है। यह गैर सरकारी विधेयक है। विपक्षी दलों की ओर से इस विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई गई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 9, 2022 12:33 PM IST / Updated: Dec 09 2022, 06:16 PM IST

नई दिल्ली। भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को राज्यसभा में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर विधेयक पेश किया है। यह गैर सरकारी विधेयक है। विपक्षी दलों ने इस कदम का विरोध किया है। दरअसल, संसद में सदस्य द्वारा निजी स्तर पर विधेयक पेश किया जा सकता है। इसे प्राइवेट मेंबर बिल कहा जाता है। इसका मतलब है कि इसे कार्यपालिका (सरकार) की ओर से पेश नहीं किया गया है।

देश में समान नागरिक संहिता पर कानून बनाने की लंबे समय से बात हो रही है। समान नागरिक संहिता लागू हुआ तो विवाह, गोद लेने, विरासत, तलाक और उत्तराधिकार के मामलों में देश के सभी नागरिक पर एक जैसा कानून लागू होगा, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय के हों। 

किरोड़ी लाल मीणा ने की पैनल बनाने की मांग
किरोड़ी लाल मीणा द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए विधेयक में यूसीसी तैयार करने के लिए पैनल बनाने की मांग की गई है। विधेयक में समान नागरिक संहिता तैयार करने के लिए एक राष्ट्रीय निरीक्षण और जांच समिति के गठन की मांग की गई है। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, सीपीआई और सीपीआई (एम) के सदस्यों ने विधेयक का विरोध किया है। 

यह भी पढ़ें- हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस ने किया सरकार बनाने का दावा, कार्यकर्ताओं ने अपने ही पार्टी लीडर की कार को किया ब्लॉक

विपक्षी दलों ने कहा है कि यह विधेयक देश के सामाजिक ताने-बाने और विविधता में एकता को 'नष्ट' कर देगा। विपक्ष ने विधेयक को वापस लेने की मांग की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विधेयक पारित किया जाए या नहीं, इसके लिए सदन में विभाजन के तहत वोटिंग कराया। विधेयक पारित करने के पक्ष में 62 और विरोध में 23 वोट मिले।

समान नागरिक संहिता विधेयक से पैदा हो सकती है अशांति
समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा है कि UCC बिल के आने से अशांति पैदा हो सकती है। अगर केंद्र देश को बांटना चाहता है तो यह बिल ला सकता है। राज्यसभा में विपक्ष ने आज समान नागरिक संहिता विधेयक 2020 का पुरजोर विरोध किया। यह असंवैधानिक है। अल्पसंख्यकों के शैक्षिक, सांस्कृतिक, धार्मिक अधिकार संविधान के अनुसार मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आते हैं।

यह भी पढ़ें- जानें कांग्रेस के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के पीछे की बड़ी वजह, इस कारण जीती हुई सीटें भी गंवाई

Share this article
click me!