सार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर होड़ मची है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सहमति नहीं बनी है। सीएम का नाम अब आला कमान तय करेगा।
शिमला। हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly elections) में कांग्रेस को बहुमत से अधिक 40 सीट मिले हैं। 68 सीट के लिए चुनाव हुआ था। कांग्रेस में अब संघर्ष मुख्यमंत्री पद को लेकर है। कई नेता सीएम पद के दावेदार हैं। कांग्रेस के तीन पर्यवेक्षक (छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, प्रभारी राजीव शुक्ला और भूपेंद्र सिंह हुड्डा) सीएम का नाम तय करने के लिए हिमाचल प्रदेश में हैं।
कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने शिमला के ओबेरॉय सेसिल होटल में प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ बैठक की। बैठक के बाद पर्यवेक्षक बाहर निकले तो उनके काफिले के सामने प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने प्रदर्शन किया। सैकड़ों लोगों ने कार के सामने नारेबाजी की। सुरक्षाकर्मियों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को काफिले को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
विधायक दल की बैठक में नहीं बनी सहमति
मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करने के लिए शिमला स्थित पार्टी ऑफिस में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में पर्यवेक्षकों ने विधायकों से उनकी राय जानी। कांग्रेस हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा वीरभद्र सिंह सहित अन्य नेता बैठक में मौजूद रहे। बैठक में कांग्रेस के सभी 40 विधायक मौजूद रहे।
राजीव शुक्ला ने बैठक के बाद कहा कि पार्टी के अंदर विभाजन जैसी कोई बात नहीं है। किसी भी विधायक ने किसी एक नाम का सुझाव नहीं दिया है। सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि मुख्यमंत्री चुनने का निर्णय पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया जाए। हम अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को शनिवार को सौंपेंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी हैं दावेदार
बता दें कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी सीएम पद के दावेदार हैं। कांग्रेस विधायकों का एक गुट उनका समर्थन कर रहा है। बैठक से पहले कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं सीएम उम्मीदवार नहीं हूं। मैं कांग्रेस पार्टी का अनुशासित सिपाही व कार्यकर्ता व विधायक हूं। पार्टी आलाकमान का फैसला अंतिम होगा।
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प्रतिभा सिंह बोलीं- नहीं है गुटबाजी
प्रतिभा सिंह ने कहा है कि हम शाम को बैठक करेंगे और मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे। कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। हर कोई हमारे साथ है। प्रतिभा सिंह दिवंगत कांग्रेसी नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा की ओर इशारा करते हुए कहा कि पार्टी उस व्यक्ति (वीरभद्र सिंह) को नजरअंदाज नहीं कर सकती। प्रतिभा सिंह ने कहा, "वे उनके (वीरभद्र सिंह) परिवार की उपेक्षा नहीं कर सकते। हम उनके नाम, चेहरे और काम पर जीते हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि आप उनके नाम, चेहरे और परिवार का उपयोग करें और फिर सारा श्रेय किसी और को दें। आलाकमान भी ऐसा नहीं करेगा।"
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