पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी, सिद्धू के समर्थन में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना का इस्तीफा

पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी यहां सब ठीक नहीं है। एक बार फिर सिद्धू नाराज हो गए हैं और अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है।

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी यहां सब ठीक नहीं है। अब पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot SinghSidhu) नाराज होकर इस्तीफा दे दिए हैं। सिद्धू ने अपना रिजाइन पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को भेजी है। इस्तीफे के बाद सिद्धू ने कहा- पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता। सिद्धू के समर्थन में कैबिनेट मंत्री ने भी पंजाब सरकार से इस्तीफा दे दिया है। पंजाब की राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। उधर, बुधवार की शाम को सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी इमरजेंसी मीटिंग बुला ली है। 

सिद्धू के समर्थन में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना का भी इस्तीफा

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनके समर्थन में पंजाब सरकार की कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी इस्तीफा दे दिया है। दो दिन पहले ही रजिया सुल्ताना ने मंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को इस्तीफा भेजते हुए रजिया ने कहा कि सिद्धू साहब सिद्धांतों के आदमी हैं। वह पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ रहे हैं। रजिया सिद्धू के सलाहकार और पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी हैं।

सिद्धू के समर्थन में मंत्री रजिया सुल्ताना के बाद परगट सिंह के भी इस्तीफा की खबरें आई थीं। हालांकि, परगट सिंह ने इसे नकार दिया है। इनसे पहले, पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त कोषाध्यक्ष गुलजार इंद्र सिंह चहल ने भी सिद्धू के समर्थन में इस्तीफा दे दिया था।

इंद्र कुुमार चहल के बाद पंजाब कांग्रेस के महासचिव योगेंद्र धींगरा ने भी सिद्धू के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है।

 

कैप्टन ने सिद्धू केा बताया अनस्टेबल मैन

उधर, सिद्धू के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर पार्टी हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मैनें पहले ही कहा था कि वह स्टेबल मैन नहीं हैं। पंजाब कांग्रेस के लिए वह कभी भी फिट नहीं है।

 

सिद्धू ने क्या लिखा लेटर में?

सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में नवजोत सिद्धू ने लिखा है कि किसी के चरित्र के पतन की शुरुआत समझौते से होती है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे पर कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।

सिद्धू और कैप्टन के झगड़े में गई थी कैप्टन की कुर्सी

दरअसल, पंजाब कांग्रेस में बीते कुछ महीनों से अंदरूनी तकरार सड़क पर है। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तकरार बढ़ने के बाद कई बार दिल्ली दरबार में पंचायत हुई। हालांकि, कैप्टन के न चाहते हुए भी कांग्रेस सुप्रीमो ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का चीफ बना दिया। इसके बाद सिद्धू कैप्टन पर और अधिक हमलावर हो गए। पंजाब सरकार के किए गए वायदे को याद दिलाने लगे। दोनों के बीच टकराव बढ़ने के बाद पंजाब के विधायकों ने भी कैप्टन अमरिंदर के विरोध में मुखर विरोध शुरू कर दिया। 

पंजाब में मुख्यमंत्री बदलने के बाद कांग्रेस की मुश्किलें फिर शुरू

विधायकों के विरोध के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को पद से इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि, कैप्टन के इस्तीफा के बाद सिद्धू खुद ही मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने दलित कार्ड खेलते हुए पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। बताया जा रहा है कि सिद्धू तभी से नाराज चल रहे थे। ऐसा बताया जा रहा है कि पंजाब मंत्रीमंडल विस्तार में भी उनकी नहीं सुनी गई। इसलिए सिद्धू ने इस्तीफा देकर एक बार फिर प्रेशर पॉलिटिक्स करने की कोशिश की है। 

कांग्रेस के लिए है बड़ा झटका

कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद से ही डैमेज कंट्रोल में जुटी थी। दलित सीएम देने के बाद भी पार्टी संगठन को दो गुटों में होने से बचाने के लिए जुटी थी। उधर, कैप्टन पर बीजेपी के डोरे डालने की सूचनाओं ने कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ाई हुई थी। इसी दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफा से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़नी तय है। माना जा रहा है कि चुनाव के ऐन पहले यह उठापठक पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है।

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