कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने समर्थन किया है, लेकिन जब राकेश टिकैत से ग्रेटा थनबर्ग के बारे में पूछा गया तो कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये कौन हैं। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग सहित अंतरराष्ट्रीय कलाकारों और कार्यकर्ताओं के समर्थन का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने माना कि वे इन में से किसी को नहीं जानते हैं।
नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन का एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने समर्थन किया है, लेकिन जब राकेश टिकैत से ग्रेटा थनबर्ग के बारे में पूछा गया तो कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये कौन हैं। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग सहित अंतरराष्ट्रीय कलाकारों और कार्यकर्ताओं के समर्थन का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने माना कि वे इन में से किसी को नहीं जानते हैं।
"विदेशी आंदोलन का समर्थन कर रहे तो क्या समस्या है"
गाजीपुर बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा, उन्होंने भले ही हमारा समर्थन किया हो, लेकिन मैं उन्हें नहीं जानता। अगर कुछ विदेशी आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं तो समस्या क्या है। वे न हमें कुछ दे रहे हैं या न ही हमसे कुछ ले रहे हैं।
"सांसदों को बैरिकेडिंग के पास बैठ जाना चाहिए था"
गुरुवार को संसद के 15 सदस्य गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने गए थे। पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसपर राकेश टिकैत ने कहा, सांसदों को बैरिकेडिंग के दूसरी तरफ जमीन पर बैठ जाना चाहिए था। टिकैत ने कहा कि उन्होंने 15 सांसदों के साथ कोई बात नहीं की।
10 दलों के किसानों से मिलने बॉर्डर गए थे
कृषि कानूनों के विरोध में किसान 71 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली से सटे सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान विरोध कर रहे हैं। इस बीच किसानों का मुद्दा संसद सत्र में उठा। शिरोमणि अकाली दल की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सहित 10 विपक्षों दलों के 15 नेता किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। विपक्षी नेताओं में NCP सांसद सुप्रिया सुले, DMK सांसद कनिमोझी, SAD सांसद हरसिमरत कौर बादल शामिल थी।