Russia Ukraine crisis : कभी मंगोलों ने तबाह कर दिया था रूस का ये शहर, आज बसते हैं देश के सबसे ज्यादा मिलेनियर

Published : Feb 24, 2022, 03:12 PM IST
Russia Ukraine crisis : कभी मंगोलों ने तबाह कर दिया था रूस का ये शहर, आज बसते हैं देश के सबसे ज्यादा मिलेनियर

सार

रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) के साथ जंग की शुरुआत कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन की 12 जगहों को निशाना बनाया। यूक्रेन की राजधानी कीव (Kiev) में दो जगह बैलास्टिक मिसाइल से हमला किया गया। बाकी जगहों की सटीक लोकेशन का पता नहीं चला है।

उज्जैन. रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए इस विनाशकारी युद्ध की जड़ नॉर्थ अटलांकि ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) को माना जा रहा है। यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है, लेकिन रूस को लगता है कि यदि ऐसा हुआ तो नाटो देशों के सैनिक ठिकाने उसकी सीमा के पास आकर खड़े हो जाएंगे। यही नहीं, यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो सभी देश उसकी सुरक्षा के लिए तैयार रहेंगे। रूस की राजधानी मॉस्को (Moscow) है। कभी इस शहर को मंगोलों ने नेस्तनाबूद कर दिया था। आज इस शहर में रूस के सबसे ज्यादा अमीर लोग रहते हैं। आगे जानिए रूस की राजधानी मॉस्को के बारे में खास बातें…

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मॉस्को का इतिहास
मॉस्को का नाम मोस्कवा नदी पर रखा गया है। 1237-38 के आक्रमण के बाद, मंगोलों ने सारा नगर जला दिया और लोगों को मार दिया। मॉस्को ने दुबारा विकास किया और 1327 में व्लादिमीर - सुज्दाल रियासत की राजधानी बनाई गई। वोल्गा नदी के शुरूवात पर स्थित होने के कारण यह नगर अनुकूल था और इस कारण धीरे धीरे शहर बड़ा होने लगा। 1654-56 के प्लेग ने मास्को की आधी जनसंख्या को समाप्त कर दिया। इस महामारी में मास्को के लगभग 1 लाख लोगों की जान गई थी। 

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यूरोप का सबसे बड़ा शहर
मॉस्को रूस की राजधानी एवं यूरोप का सबसे बडा शहर है। मॉस्को का शहरी क्षेत्र विश्व के सबसे बडे शहरी क्षेत्रों में गिना जाता है। मास्को रूस की राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, वित्तीय एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केन्द्र माना जाता है। यह मोस्कवा नदी के तट पर बसा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह पुराने सोवियत संघ एवं प्राचीन रूसी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। मास्को को संसार के अरबपतियों का नगर भी कहा जाता है, जहाँ रूस के सबसे अधिक अरबपति बसते हैं।

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मॉस्को की अर्थव्यवस्था
मास्को यूरोप की सबसे बड़ी शहरी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह रूस के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 24 प्रतिशत योगदान करता है। मास्को रूस का निर्विवादित रूप से मुख्य आर्थिक केंद्र है। यहाँ रूस के सबसे बड़े बैंक और कंपनियाँ स्थित हैं जिनमे रूस की सबसे बड़ी कंपनी गेज्प्रोम भी शामिल है। मास्को की रूस की खुदरा बिक्री में 17 प्रतिशत एवं सभी निर्माण गतिविधियों में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। चेर्किजोव्सकी बाजार, 3 करोड़ डॉलर की दैनिक बिक्री एवं दस हजार विक्रेताओं के साथ यूरोप का सबसे बड़ा बाजार है। यह बाजार प्रशासनिक रूप से 12 भागों में बँटा है और शहर के एक बड़े भूभाग पर स्थित है। 

मॉस्को का स्ट्र्क्चर 
मास्को का स्थापत्य विश्व प्रसिद्ध है। मास्को सेंट बेसिल केथेड्रल, क्राइस्ट द सेवियर केथेड्रल और सेवेन सिस्टर्स के लिए प्रसिद्ध है। लंबे समय तक मास्को पर रूढ़िवादी चर्चों का प्रभाव रहा | हालाँकि, शहर के समग्र रूप में सोवियत काल से भारी परिवर्तन हुआ है, खासकर जोसेफ स्टालिन के शहर के आधुनिकीकरण के बड़े पैमाने पर किये प्रयास के कारण यह परिवर्तन हुआ | स्टालिन की शहर के लिए योजना में चौड़े रास्तों और सडकों का जाल शामिल था जिनमे कई सड़कें 10 लेन तक चौड़ी थीं | इससे शहर का यातायात सुगम हो गया, पर इसके लिए बहुत सारी एतिहासिक इमारतों को हटाना पड़ा |

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