सार
Russia Ukraine War : गुरुवार तड़के यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद दुनियाभर ने रूस की निंदा की है। भारत ने कहा कि युद्ध की तीव्रता तत्काल कम करनी चाहिए। उधर, यूक्रेन के विदेश मंत्री ने दुनिया भर से रूस पर कार्रवाई के लिए अपील की। उन्होंने वित्तीय और मानवीय मदद भी मांगी है।
नई दिल्ली। गुरुवार तड़के रूसी हमले के बाद (Russia atack on Ukraine) यूक्रेन के विदेश मंत्री का बयान सामने आया है। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिये दुनियाभर के तमाम देशों से कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने लिखा- इससे दुनिया का भविष्य दांव पर लगा है। इसके लिए उन्होंने सुझाव भी दिए। विदेश मंत्री ने लिखा- स्विफ्ट सहित रूस पर अब विनाशकारी प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। इसके अलावा रूस को हर तरह से सभी प्रारूपों में पूरी तरह से अलग कर दें। उन्होंने दुनिया के तमाम देशों से यूक्रेन के लिए हथियार और उपकरणों की मांग के साथ ही वित्तीय और मानवीय सहायता भी मांगी है।
अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भी नहीं माना रूस
गौरतलब है कि दो दिन पहले रूस द्वारा यूक्रेन के दो इलाकों को स्वतंत्र देश घोषित करने के बाद अमेरिका सहित कुछ देशों ने रूस पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी, लेकिन रूस नहीं माना और आखिरकार आज तड़के उसने यूक्रेन पर हमला कर दिया। यूक्रेन पर रूस हमला नहीं करे, इसके लिए अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन समेत कई देशों ने रूस पर प्रतिबंधों की घोषणा कर दी थी, इसके बाद भी रूस हमले पर अड़ा रहा।
अभी किस देश ने क्या प्रतिबंध लगाए
अमेरिका : रूस के दो सरकारी बैंकों पर प्रतिबंध लगाया। ये दोनों बैंक अमेरिका और यूरोप में कारोबार नहीं कर सकेंगे। हालांकि, इस रूस पर ज्यादा असर नहीं हुआ। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इससे रूस वित्तीस संसाधन नहीं जुटा पाएगा।
ब्रिटेन : यूनाइटेड किंगडम ने 5 रूसी बैंकों और तीन रूसी अरबपतियों पर पाबंदियां लगाईं। हालांकि, इसका प्रभाव पूरे देश या उसकी अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ रहा है।
जर्मनी : रूस की 2 गैस परियोजनाओं पर रोक लगा दी है। 11 अरब डॉलर से अधिक की इन परियोजनाओं के रुकने से थोड़ा--बहुत असर होगा, लेकिन चूंकि यह रोक अस्थाई है, इसलिए विवाद खत्म होते ही फिर से काम शुरू हो जाएगा।
यूरोपीय यूनियन (EU) : बैंकिंग सेक्टर के 27 रूसी अफसरों पर प्रतिबंध लगाया। यूक्रेन के दाे क्षेत्रों को स्वतंत्र देशों का दर्जा देने का विरोध किया। इस वोटिंग में शामिल 351 राजनेताओं के साथ ही रक्षा और बैंकिंग सेक्टर के अफसरों पर रोक लगाई।
ऑस्ट्रेलिया : रूसी सुरक्षा परिषद के आठ सदस्यों की देश में एंट्री पर रोक लगाई। हालांकि, इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
यूक्रेन चाहता है इस तरह की कार्रवाई
यूक्रेन चाहता है कि रूस पर देश कड़ी कार्रवाई करें। उसके मुताबिक अमेरिका यदि रूस की टेक कंपनियों पर पाबंदी लगाता तो यूक्रेन पर हमले के लिए उसे कदम पीछे खींचने पड़ सकते थे। उसकी एयरलाइन कंपनियों से लेकर मोबाइल फोन कंपनियों तक पर प्रभाव पड़ता। इसके अलावा डॉलर में लेनदेन पर रोक लगा सकता था। ऐसा करने से उसके अंतरराष्ट्रीय कारोबार को बड़ा झटका लगता। यही नहीं स्विफ्ट फाइनेंशियल सिस्टम से रूस को बाहर कर देते तो फायदा होता, जिसकी यूक्रेन ने मांग की है। इससे विदेश पैसे भेजने और लेने की क्षमता पर असर पड़ता।
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भारत ने कहा- बड़े संकट का खतरा, तेज करें डी एस्केलेशन
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद भारत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त राष्ट्र में (UN)भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा -स्थिति एक बड़े संकट में तब्दील होने के खतरे में है। उन्होंने घटनाक्रम पर गहरी चिंता जताई और कहा कि अगर इसे नहीं संभाला गया, तो यह क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद या यूएनएससी की तत्काल बैठक का अनुरोध किया, जब इसके अलग क्षेत्रों, डोनेट्स्क और लुहान्स्क के प्रमुखों ने पुतिन से मदद मांगी। तिरुमूर्ति ने कहा- हम तत्काल डी-एस्केलेशन और किसी भी आगे की कार्रवाई से परहेज करने का आह्वान करते हैं, जो स्थिति को खराब करने में योगदान दे सकता है।
नाटो ने कहा- अनगिनत जिंदगियां खतरे में पड़ेंगी
बता दें कि यूक्रेन की राजधानी कीव और पूर्वी बंदरगाह शहर मारियुपोल में गुरुवार को भोर से पहले विस्फोटों की आवाज सुनी गई। न्यूज एजेंसी एएफपी ने बताया कि दोनों शहरों में लोगों ने शक्तिशाली विस्फोटों की आवाज सुनी। रूसी सीमा के करीब मारियुपोल के लोगों ने शहर के पूर्वी उपनगरों में तोपों की आवाज सुनी। उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन, या नाटो, प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन पर रूस के लापरवाह और अकारण हमले की निंदा की और चेतावनी दी कि यह अनगिनत जिंदगियों को खतरे में डाल देगा।
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